आदित और कैवल्य को पिछले साल स्टैफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग प्रोग्राम में एडमिशन मिला था. दो दोनों ने अपनी पढ़ाई छोड़कर एक उद्यमी बनने का फैसला किया. 19 साल के आदित और कैवल्य ने स्टैफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी को छोड़ दिया और भारत लौट आए. उन्होंने एक बहुत ही बेहतरीन आईडिया अप्लाई करा और 10 मिनट का डिलीवरी ऐप ज़ेप्टो बनाया.
$200 मिलियन से $300 मिलियन के बीच है ऐप की कीमत
आदित और कैवल्य के ऐप्स की कीमत $200 मिलियन से $300 मिलियन के बीच है. आपको बता दे की इस ऐप को ग्लेड ब्रुक कैपिटल, वाई कॉम्बिनेटर, और नीरज अरोड़ा जैसे निवेशकों का भी समर्थन मिल चुका है.
संस्थापकों का दावा ग्राहकों तक चीजें समय पर पहुंचती हैं
दोनों लड़के यह भी का दावा करते है कि उनके ऐप के जरिए चीजें तय समय में ग्राहकों तक पहुंचती हैं. समय पर सामान नहीं आने पर ग्राहकों को इन्सेन्टिव और छूट दी जाती है. ज़ेप्टो पर अभी के समय में अलग से कोई डिलीवरी चार्ज नहीं है. ग्राहक सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक इस ऐप के जरिए मीट, चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक, फल, सब्जियां ऑर्डर कर सकते हैं.
तीन महीने के प्रयोग के बाद तैयार हुआ मॉडल
दोनों ग्रोसरी डिलीवरी को लेकर एक्सपेरिमेंट करने लगे. आदित कहते है, “हमने ग्रोसरी डिलीवर करने से शुरुआत की. हमें लगा 45 मिनट तो लगेंगे. हमने कस्टमर्स से बात की और उनका रिएक्शन देखा. 10-15 मिनट में जिन कस्टमर्स को सामान मिल रहा था वो ज़्यादा संतुष्ट थे और हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर ज़्यादा वक़्त बिता रहे थे.”
कैवल्य ने बताया कि उन्होंने निवेशकों से खुद ऑर्डर प्लेस करने को कहा था. सामान जल्दी मिलने का अनुभव ही उनके लिए काफी था.
जे़प्टो मुंबई, बेंगलुरु, और दिल्ली में 10 मिनट में सामान को पहुंचाने की योजना बना रहा है. इन तीन शहरों के अलावा यह स्टार्टअप कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, और चेन्नई में भी सेवाएं देगा.