यूपीएससी परीक्षा में पहले प्रयास में क्वालिफाई करने वाले हिमांशु कौशिक ने किसी आईआईटी या आईआईएम से नहीं सीखा है. हिमांशु खुद स्कूल में एक साधारण छात्र थे. हालांकि उनके अथक प्रयासों के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 77वां रैंक हासिल किया है. इस सफलता को हासिल कर उन्होंने दिखा दिया है कि स्कूल का सबसे होशियार छात्र भी इस सफलता को हासिल कर सकता है.
हिमांशु ने गाजियाबाद के एक निजी कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की है. उन्होंने IIT के लिए प्रयास किया था, लेकिन IIT परीक्षा में असफल रहे. हिमांशु दो बार बीटेक में भी फेल हुए थे. दो बार वापस आने के बाद उन्होंने 2013 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.
दिल्ली नॉलेज ट्रैक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में हिमांशु ने कहा, “मैं अपने पहले और दूसरे साल में दो विषयों में फेल हो गया. इसलिए दूसरे और तीसरे वर्ष में मैंने बहुत मेहनत की लेकिन मुझे केवल 65% अंक मिले.

नौकरी छोड़कर की तैयारी
हिमांशु आगे कहते हैं कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ दी. क्योंकि यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए आपको काफी मेहनत करनी पड़ती है. यानी अगर आप दिन में आठ घंटे पढ़ाई करने का फैसला करते हैं. लेकिन हकीकत में अगर आप तीन घंटे पढ़ाई करते हैं और सोते हैं तो यूपीएससी के मामले में यह काम नहीं करेगा. यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर पाएंगे.

इसलिए हिमांशु ने नौकरी छोड़ दी और पढ़ाई पर ध्यान दिया. हिमांशु कहते हैं, शुरुआत में सोशल मीडिया ध्यान भटकाने वाला था. लेकिन तैयारी शुरू करने के 15-20 दिन बाद मैंने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए. साथ ही, अपना फोन बंद कर दिया.
छोटे शहरों में रहकर कर सकते हैं तैयारी
ऐसे लोगों को हिमांशु ने खास टिप्स दिए हैं. जो लोग दिल्ली आए बिना छोटे शहरों में रह रहे हैं, वे परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. हिमांशु कहते हैं कि यूपीएससी की तैयारी के लिए हर कोई दिल्ली नहीं आ सकता लेकिन हम अपने छोटे से शहर में रहकर परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. लेकिन कुछ विकल्प उपलब्ध हैं.
हिमांशु कहते हैं कि आपको बस गूगल और इंटरनेट का ठीक से उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए. खैर, अगर आप एक साथ आते हैं, तो आप जरूरत पड़ने पर दिल्ली से कोई भी अध्ययन सामग्री मंगवा सकते हैं. इंटरव्यू के अंत में हिमांशु सरते हमें नकारात्मक विचार रखने वालों से दूर रहने और हमारे मन की सुनने, सफल होने के लिए कहते हैं.