एक छोटे से कमरे से शुरू करा था बिजनेस, आज खड़ी कर दी है 2.65 लाख करोड़ रुपये की कंपनी

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शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो एचसीएल के बारे में नहीं जानता हो. एचसीएल अपनी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेवाओं के लिए मशहूर है. शिव नादर ने साल 1976 में दिल्ली में छत के कमरे से अपनी कंपनी एचसीएल की शुरुआत करी थी और आज वित्त वर्ष 2021 में कंपनी की आय 10 अरब डॉलर पर पहुंच चुकी है. तो आइए जानते हैं देश की दिग्गज आईटी कंपनी एचसीएल की नींव रखने वाले इस बिजनेसमैन की कहानी के बारे में.

पुणे से करी थी करियर की शुरुआत
14 जुलाई 1945 को दक्षिण भारत के एक छोटे से गांव में शिव नादर का जन्म हुआ था. उनका करियर पुणे में शुरू हुआ था जहां पर वे वालचंद ग्रुप ऑफ इंजीनियरिंग का हिस्सा बने थे. एक व्यवसाय चलाने में कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद, उन्होंने इसे छोड़ने और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला करा. अपने दोस्तों और अन्य व्यापारिक भागीदारों की मदद से, वे इस देश में सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति लाने में जुट गए.

पांच दोस्तों के साथ मिलकर शुरू करी थी यह कंपनी
उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपनी खुद की कंपनी शुरू करने का निर्णेय लिया. उन्होंने अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर ‘माइक्रोकॉम्प लिमिटेड’ नाम की कंपनी शुरू कर दी. साल 1976 में बनी उनकी यह कंपनी टेलीडिजिटल कैलकुलेटर बेचती होती थी. शिव नादर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैं सबसे पहले अर्जुन से मिला था. वह भी मेरी तरह मैनेजमेंट ट्रेनी थे हम काफी अच्छे दोस्त बन गए और अभी भी हैं. इसके बाद हम दोनों ने डीसीएम में काम करने वाले अपनी तरह के लोगों को जोड़ा और साथ में काम करने लगे.

एचसीएल को मिली दुनिया भर में पहचान
जल्द ही इस कंपनी का नाम बदलकर हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड कर दिया गया और फिर इस कंपनी ने कंप्यूटर बनाना शुरू कर दिया. इसे देखते हुए यह भारतीय कंपनी दुनिया का जाना-माना ब्रांड बन गई है. 1980 में, उन्होंने सिंगापुर में आईटी हार्डवेयर बेचने के लिए ‘फार ईस्ट कम्प्यूटर्स’ की स्थापना करके अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रवेश किया.

पहले साल में ही उन्होंने करीब 10 लाख रुपये की कमाई कर ली. इसके बाद नादर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 1982 में कंपनी ने अपना पहला पीसी बाजार में उतारा. आज के समय में यह सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.

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