एक समय किया सेल्स डिपार्टमेंट संभालने का काम, आज खड़ी कर दी 7500 करोड़ की कंपनी

0
519

बेंगलुरू स्थित कंपनी का लीडस्केयर्ड यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो चुकी है. सीरीज सी राउंड में कंपनी को 153 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है. अब यह कंपनी 1 बिलियन डॉलर की हो चुकी है.

इसे सफल बनाने के पीछे कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर नीलेश पटेल का नाम है. आपको बता दें कि 1 बिलियन डॉलर की पूंजी वाली कंपनी को ही यूनिकॉर्न में शामिल करा जाता है. नीलेश ने इस कंपनी की शुरुआत 2011 में अपने दो सहयोगियों प्रशांत सिंह और सुधाकर गोत्री के साथ मिलकर की थी.

आखिर क्या काम करती है यह कंपनी

लीडस्केयर्ड एक सॉफ्टवेयर-ऐज़-अ-सर्विस प्लेटफॉर्म है, यह कंपनी मार्केटिंग ऑटोमेशन और सेल्स एक्जीक्यूशन ग्राहक संबंध प्रबंधन समाधान प्रदान करता है. विभिन्न कंपनियों की बिक्री और विपणन टीमों को अपने कार्यों को समय पर पूरा करने में मदद करता है.

इस तरह लिखी सफलता की कहानी

हालांकि नीलेश पटेल पहले से ही सफल बिजनेसमैन रहे हैं. नीलेश पटेल पहले प्रोटीन्स नाम की कंपनी के फाउंडर थे. यह कंपनी भी काफी अच्छी तरह से चल रही थी. जिसे सिम्फनी टेलेका कॉर्पोरेशन ने साल 2010 में अधिग्रहण कर लिया था. इस अधिग्रहण के बाद, उन्होने सिम्फनी के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इस कंपनी में भी नीलेश पटेल सेल्स डिपार्टमेंट संभाल रहे थे.

फिर बाद में नीलेश पटेल ने लीडस्केयर्ड शुरू करने के बारे में सोचा और साल 2011 में अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर कंपनी की नींव रखी. प्रोटीन शुरू करने से पहले उन्होंने आईबीएम के माइक्रोप्रोसेसर टेस्ट टूल्स डिवीजन के साथ लगभग 4 साल तक काम करा था.

किस तरह आया आइडिया

एक इंटरव्यू में नीलेश पटेल ने बताया है कि शुरू में सिर्फ एक मार्केटिंग ऑटोमेशन और लीड जनरेशन इंजन पर काम किया जा रहा था. जब नीलेश ने कई ग्राहकों की चिंताओं को सुना, तो उन्होंने पाया कि विभिन्न व्यवसाय अपनी बिक्री और विपणन कार्यों के लिए विभिन्न टूल्स का उपयोग कर रहे हैं.

विभिन्न उपकरणों के साथ समस्या यह थी कि टीमों के बीच सूचना अंतराल और संचार की कमी थी, जिसका व्यापार के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था. इस वजह से निवेश पर रिटर्न कम हो रहा था.

चूँकि ये सभी कार्य एक दूसरे पर निर्भर हैं, इसलिए ऐसे सेंट्रलाइज्ड सॉल्यूशन पर काम करना काफी अच्छा था, जो सेल्स और मार्केटिंग टीमों को एक जगह ले जाता है और काम को सुचारु बनाता. इस तरह से लीडस्केयर्ड का विचार आया.

कुछ वर्षों के बाद, हमने महसूस करा कि हमारी रणनीतिक क्षमता सॉफ्टवेयर बनाने में पूरी तरह से निहित है, जो हाई वेलोसिटी बी2सी सेल्स को चलाने में भी मदद कर सकता है और अंत में वह कर ही दिखाया.
आज लीडस्केयर्ड हाई-वेलोसिटी बिक्री में मार्केट लीडर बन चुकी है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here