फिल्म के पर्दे पर किसी न किसी मोड़ पर स्टार्स को देखकर सबके मन में ये ख्याल जरूर आया होगा कि हम भी फिल्म स्टार होते. इसी उम्मीद के साथ ज्यादातर युवा मुंबई का रुख करते हैं. उन्हें अमिताभ बच्चन, शाहरुख, सलमान जैसे बड़े फिल्म स्टार जैसे हम भी बनें लेकिन इस सपने को पूरा करना आम आदमी के लिए आसान नहीं है.
कई सालों के संघर्ष के बाद बॉलीवुड के इस शहर ने उन्हें गोद लिया है. आंखों में ऐसा सपना लेकर मुंबई आया एक शख्स, जिसने अपनी मेहनत के दम पर न सिर्फ अपनी पहचान बनाई बल्कि आज वह अपनी अदाकारी से कई लोगों के दिलों पर राज कर रहा है. वह शख्स कोई और नहीं बल्कि लाखों दिलों की धड़कन राजकुमार राव हैं.
राजकुमार राव का असली नाम राजकुमार यादव है. स्त्री, न्यूटन, शाहिद जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने वाले राजकुमार की आज किसी पहचान में दिलचस्पी नहीं है. अपनी कड़ी मेहनत के कारण, उन्होंने न केवल कम समय में बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जैसे कई बड़े पुरस्कार भी हासिल किए हैं. जब राजकुमार राव दस वर्ष के थे, तब उन्हें अभिनय में रुचि हो गई.
यहीं से उन्होंने करियर बनाने का फैसला किया. राजकुमार राव का जन्म 31 अगस्त 1984 को गुड़गांव, हरियाणा में हुआ था. दिल्ली विश्वविद्यालय के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से कला में स्नातक करने के बाद, उन्होंने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में अभिनय का अध्ययन किया उन्हें एक्टिंग का इतना शौक था कि वे नाटक करने के लिए साइकिल से गुड़गांव से दिल्ली जाते थे.
2008 में पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने सपनों के शहर मुंबई आ गए. वह अभिनेता बनने के अपने सपने को पूरा करना चाहते थे. राजकुमार राव की प्रेरणा किंग खान यानी शाहरुख खान थे. राव ने सोचा कि अगर शाहरुख खान बाहर से फिल्मी दुनिया में नाम कमा सकते हैं तो मैं क्यों नहीं? मैं भी अपनी पहचान बना सकता हूं.
इसी प्रेरणा से आगे बढ़ते रहो. 2010 में उनकी पहली फिल्म लव से*क्स और धोखा थी. जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. लेकिन अभी तक राजकुमार को वह जगह नहीं मिली थी जो वह चाहता था. उनकी फिल्म काई पो चे 2013 में रिलीज हुई थी. इसमें उनकी काफी तारीफ हुई थी.
उसके बाद उन्होंने शाहिद में काम किया. राजकुमार राव को फिल्म में उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और फिल्म क्रिटिक्स अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसके बाद उन्होंने क्विन, न्यूटन, सिटीलाइट्स जैसी एक से बढ़कर एक फिल्मों में अपना अभिनय कौशल दिखाया. उन्होंने न्यूटन के लिए एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड जीता.
राजकुमार राव का कहना है कि जब वह फिल्मों के लिए लड़ रहे थे, तो उन्हें यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि उनकी भौहें बहुत बदसूरत हैं, वे भी काले हैं और वे वीर साहित्य नहीं हैं. वह अपना पेट नहीं भर सकता था, इसलिए उसने दोस्तों से खाना उधार लिया. लेकिन राजकुमार ने इसे कभी अपने ऊपर गिरने नहीं दिया. उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर अपनी सफलता की कहानी लिखी है.
प्रिंस राव ने बिना किसी गॉडफादर के अपनी पहचान बनाई. आज वह कई महान निर्देशकों और अभिनेताओं के साथ फिल्म कर रहे हैं. उनकी गिनती प्रमुख अभिनेताओं में होती है. उन्होंने शादी में जरूर आना, चलंग और लूडो जैसी बेहतरीन फिल्में की हैं. वह इस समय कई हिट फिल्मों में काम कर रहे हैं. राजुकमार की सफलता की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो सपने देखते हैं और उसे पूरा करना चाहते हैं.