एयरपोर्ट पर बिताई रातें, घर-घर जाकर अपने प्रोडक्ट को बेचा; आज सालाना करते है 250 करोड़ का बिजनेस

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बहुत कम लोग होते हैं जो एक मध्यमवर्गीय परिवार से होते हुए भी बहुत बड़ा लक्ष्य चुनते है और उसे पाने में भी सफल हो जाते है. आपकी मेहनत और आपकी लगन ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाती है. और इन सभी बातों की समझ शशांक दीक्षित को बहुत ही अच्छे तरीके से थी और इस वजह से ही शशांक दीक्षित ने कॉलेज के अंतिम वर्ष में एक बिलकुल ही नए स्टार्ट-अप के आइडिया के साथ अपनी शुरूआत कर दी.

कॉलेज के अंतिम वर्ष में शशांक दीक्षित ने और उनके तीन दोस्तों ब्रजेश सचान, परितोष महाना, और सोमेश मिश्रा ने मिलकर लोकल आउटलेट के लिए एक सॉफ्टवेयर को डिज़ाइन करा था जो की कॉलेज कैंपस के पास था. साल 2008 में शशांक दीक्षित ने अपनी ग्रेजुएशन आईआईटी से पूरी करी फिर उसके बाद उन्होंने अपना खुद का एक सॉफ्टवेयर लांच कर दिया. शशांक दीक्षित का यह सॉफ्टवेयर छोटे बिज़नेस के एकाउंट्स के लिए काम करता होता है.

यह सॉफ्टवेयर को बनाने का आइडिया काफ़ी हद तक ठीक था मगर बिलकुल ही छोटे स्तर पर एकाउंट्स और भी छोटे ही होते हैं. इस वजह से कुछ बिजनेस डेस्कएरा ऐसे सॉफ्टवेयर को ज्यादा प्रधानता बिलकुल भी नहीं देते हैं. डेस्कएरा सॉफ्टवेयर को शशांक दीक्षित और उनकी टीम द्वारा शुरू करा गया.

शशांक दीक्षित ने साल 2012 में अपने इस बिज़नेस को भारत देश से सिंगापुर तक लेकर जाने का फैसला किया. फिर शशांक दीक्षित को सिंगापुर में जाने से पहले करे गए कुछ रिसर्च से महसूस हुआ कि यह देश नए बिज़नेस और आइडियाज का खुले दिल से स्वागत करता होता है.

शशांक दीक्षित ने शुरूआती दिनों में सिंगापुर में घर-घर में जाकर अपने इस सॉफ्टवेयर बेचा करते थे. और लागत में कटौती के उपाय के रूप में, उन्हें सिंगापुर चांगी हवाई अड्डे पर सोना पड़ता था. सिंगापुर GST का अनुपालन करता होता है इस कारण शशांक दीक्षित के इस उत्पाद की मांग भी काफी ज्यादा बढ़ने लगी.

सिंगापुर के बिज़नेस ने डेस्क-एरा को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया था जिस वजह से शशांक दीक्षित को अपने इस सॉफ्टवेयर को और भी ज्यादा आगे बढ़ाने में काफी मदद मिल गई थी. फिर शशांक दीक्षित के सॉफ्टवेयर को सिंगापुर की सरकार के द्वारा बहुत ज्यादा समर्थन प्राप्त हुआ. मलेशिया ने भी लगभग 3 साल के बाद GST को लागू कर दिया और फिर जल्द ही शशांक दीक्षित के इस सॉफ्टवेयर डेस्क-एरा को वहाँ पर भी सफलता मिल गई.

आज के समय में डेस्क-एरा में करीब 300 कर्मचारी काम करते हैं और शशांक दीक्षित की इस कंपनी का वार्षिक टर्न-ओवर करीब 42 मिलियन डॉलर हो चूका है. डेस्क-एरा के ऑफिस मलेशिया, सिंगापुर, और इंडोनेशिया में हैं और भारत देश के आठ शहरों को भी ये कंपनी अपनी सेवाएं दे रही है. भारत में भी GST लागू हो चूका है और अब डेस्क-एरा भारत में भी काफी ज्यादा इस्तमाल करा जा रहा है.

शशांक दीक्षित को अपने इस स्टार्ट-अप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काफी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. और शशांक दीक्षित को अपने इस आइडिया पर पूरा विश्वास था और इसी वजह से ही शशांक दीक्षित डेस्क-एरा जैसे वेंचर की शुरूआत कर के सफल हो पाए. उनके मुताबिक आज हर एक देश में स्टार्ट-अप के लिए बहुत ही ज्यादा अवसर उपलब्ध हैं और अब शशांक दीक्षित स्टार्ट-अप और बिजनेस आइडियाज को काफी ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं.

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