गौतम अडानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति में से एक है उन्होंने सीमेंट कंपनी अंबुजा और एसीसी (एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज) को खरीदा है. अदाणी ग्रुप की यह डील लगभग 81 हजार करोड़ में हुई है. होल्सिम ग्रुप की अंबुजा सीमेंट में लगभग 63.1 फीसदी और एसीसी में 54.53 फीसदी हिस्सेदारी भी रही है. इस सौदे के साथ अडानी समूह ने भी सीमेंट क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है.
कपास व्यापारी ने खडी करी सीमेंट कंपनी
नरोत्तम सेखसरिया ने अपनी जिंदगी में कभी भी सीमेंट का प्लांट नहीं देखा हुआ था और न ही उन्हें गुजरात में चूना पत्थर या फिर सीमेंट उद्योग का किसी भी तरह का कोई ज्ञान था. साल था 1983 में एक कपास व्यापारी जिसका एक ही सपना था कि वह एक बड़ा व्यापारी बन जाए. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से दुनिया की सबसे सफल सीमेंट कंपनियों में से एक का निर्माण करा.
दो साल में बना पहला सीमेंट प्लांट
अंबुजा सीमेंट की स्थापना 1983 में सुरेश नियोतिया और नरोत्तम सेखसरिया ने करी थी. यह दोनों शख्स सीमेंट के कारोबार में नए ही थे. दोनों ने मिलकर गुजरात में एक सीमेंट प्लांट में निवेश करा था. अंबुजा का पहला सीमेंट प्लांट दो साल के अंदर बनकर तैयार हुआ था. अंबुजा ने वर्ष 1986 में 7 लाख टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले एक संयंत्र से आज 5 संयंत्रों तक का सफर तय किया है. देश भर में इसकी 8 सीमेंट ग्राइंडिंग इकाइयां हैं.
कंपनी दुनिया के कोने-कोने में सीमेंट का निर्यात करती है
आज यह कंपनी भारत में बने सीमेंट को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचा रही है. शुरू में इस कंपनी का नाम गुजरात अंबिजा सीमेंट लिमिटेड हुआ करता था. साल 2006 में इसका नाम बदलकर अंबुजा सीमेंट लिमिटेड कर दिया गया था. आज के समय में यह कंपनी हजारों लोगों को रोजगार भी दे रही है.
अंबुजा को क्वालिटी और शक्ति दोनों में ही बहुत अच्छा माना जाता है. एसीसी लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट ने साल 2006 में होल्सिम सीमेंट के साथ साझेदारी करी थी. होल्सिम साल 2005 में भारत आया था. जब सड़क मार्ग से सीमेंट का निर्यात महंगा होता जा रहा था, तो यह सीमेंट के निर्यात के लिए समुद्री मार्ग अपनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई थी. आज के समय में इस कंपनी के लाखों ग्राहक हैं और यह कंपनी करोड़ों का कारोबार कर रही है.