फिल्मी सितारों को नचाने वाले रेमो डिसूजा का नाम तो हम सभी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं. रेमो डिसूजा ने डांसिंग की दुनिया में अपार सफलता हासिल कर ली है. इसके अलावा रेमो डिसूजा फिल्मों में भी एक सफल निर्देशक के रूप में भी उभरे हैं. आज हम बात करने वाले है रेमो डिसूजा के बैकग्राउंड डांसर से लेकर एक सफल डायरेक्टर और कोरियोग्राफर बनने के बारे में.
सपनों के साथ पैदा हुए रेमो डिसूजा
रेमो डिसूजा का असली नाम रमेश गोपी है. 2 अप्रैल 1974 की तारीख को केरल के एक परिवार में रेमो डिसूजा का जन्म हुआ उनके पिता का नाम गोपी नायर था और रेमो डिसूजा के पिता भारतीय वायु सेना में शेफ के रूप में काम करते होते थे और माँ एक गृहिणी थीं. रेमो डिसूजा का एक बड़ा भाई, गणेश गोपी और चार बहनें भी हैं. रेमो डिसूजा की शिक्षा गुजरात के जामनगर में एक वायु सेना स्कूल में हुई थी. और रेमो डिसूजा का सपना तो एक बड़ा डांसर बनने का था. इसी सोच में रेमो डिसूजा ने स्कूल को बीच मे छोड़ दिया था और मुंबई में आ गए मगर रेमो डिसूजा के पिता चाहते थे कि वे भारतीय वायु सेना में शामिल हों लेकिन रेमो डिसूजा की जिद और उनकी मां के सपोर्ट ने उन्हें मुंबई में अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत दी.
नर्तकी के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित करा
स्ट्रगल हमेशा से रेमो के सफर का हिस्सा रहा है. नृत्य की कला पर किसी भी तरह की कोई औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त न करने के बावजूद भी, रेमो डिसूजा ने खुद को एक नर्तकी के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित किया है. रेमो डिसूजा ने खुद संगीत वीडियो और फिल्मों से नृत्य की कला सीखी उनकी प्रारंभिक नृत्य अकादमी – सुपर ब्राट्स का उद्घाटन उनकी सफलता की ओर पहला कदम था. अपने तीन दोस्तों के समर्थन के साथ, वह इस तरह के अधिक बैच स्थापित करने में सक्षम हुए. रेमो डिसूजा प्रारंभिक नृत्य अकादमी ‘सुपर ब्राट्स’ का उद्घाटन उनकी सफलता की सीढ़ी ओर पहला कदम था और अपने तीन दोस्तों के सहयोग से, रेमो डिसूजा इस तरह के और भी बैच को स्थापित कर लेने में पूरी तरह से सक्षम थे.
डार्क कॉम्प्लेक्शन और लुक्स की वजह से कर दिया जाता था रिजेक्ट
रेमो डिसूजा के डांस में बिलकुल परफेक्ट होने के बावजूद भी उनको हर बार उनके डार्क कॉम्प्लेक्शन और लुक्स की वजह से रिजेक्ट कर दिया जाता था. मगर किस्मत को रेमो डिसूजा की जिद के आगे झुकना पड़ा और उन्हें पहला ब्रेक तब मिला जब वे साल 1995 में आई फिल्म रंगीला में बैकग्राउंड डांसर के रूप में नजर आए थे. फिर बाद में रेमो डिसूजा अहमद खान के सहायक भी बन गए.
जब रेमो डिसूजा ने अहमद खान के साथ काम करने और संगीत वीडियो को कोरियोग्राफ करने का फैसला कर लिया था, तो फिर अनुभव सिन्हा उनके लिए लकी चार्म साबित हुए. वर्ष 1999 में कोरियोग्राफी सोनू निगम की दीवाना डांसर के लिए पूरी तरह से ही मील का पत्थर साबित हुई. रेमो डिसूजा ने अनुभव सिन्हा के साथ तुम बिन की करी, जो हिट रही. फिर उसके बाद रेमो डिसूजा को लगातार फिल्मों के कई ऑफर मिलते रहे. जिसे रेमो डिसूजा ने अपने पूरे करियर में कोरियोग्राफ करा है.
निर्देश बनने का सफर
रेमो डिसूजा ने निर्देशन की दुनिया में भी कदम रखा. रेमो डिसूजा की निर्देशित पहली बंगाली फिल्म साल 2007 में बानी लाल पहरेदार थी. इस फिल्म में रेमो डिसूजा का निर्देशन काफी ज्यादा पसंद आया था जिसके कारण उन्हें एक निर्देशक के रूप में भी एक नई पहचान मिली और रेमो डिसूजा को इस फिल्म के लिए पुरस्कार से सम्मानित भी करा गया था. इतनी सफलता को प्राप्त करने के बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर फिर कभी भी नहीं देखा.
यह वह समय था जब उन्हें उद्योग के साथ-साथ अपने वास्तविक जीवन के गुरुओं, सरोज खान और प्रभु देवा के साथ काम करने का मौका मिला. यही वह समय था जब उन्हें इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिला और इसके साथ ही साथ अपने रियल लाइफ मेंटर्स सरोज खान और प्रभु देवा के साथ भी. फिर उन्होंने साल 2015 में “एबीसीडी 2” में काम किया और फिर साल 2020 में रेमो डिसूजा ने निर्देशक के रूप में अपनी तीसरी फिल्म “स्ट्रीट डांसर 3 डी” के बाद अपार सफलता हासिल करी.