देश के भीतर जहां कई शिक्षण संस्थान शिक्षा के बल पर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं तो कई लोग ऐसे भी हैं जो पढ़ाई से पूरी तरह वंचित हैं. बहुत से बच्चों का भविष्य तो पढ़ाई की फीस न भर पाने की वजह से रुक जाता है. अलख पांडे की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. अलख पांडे प्रयागराज के रहने वाले है. उन्होंने पैसों के अभाव में पढ़ाई नहीं छोड़ी, बल्कि आगे आकर दूसरों के लिए भी राह आसान करने लगे.
कभी पढ़ाई करने के लिए घर तक बेचना पड़ा था
अलख पांडे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रयागराज गए. जहां सबसे ज्यादा छात्र सरकारी और प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए आते थे. अलख पांडे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और स्नातक भी इसी शहर से पूरी करी इंजीनियरिंग की तैयारी के चलते अलख को काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि जब उन्हें पैसों की जरूरत थी तो उन्हें साउथ मलाका का घर तक बेचना पड़ा था. उनका परिवार तब से कालिंदीपुरम में रहने के लिए चला गया था. साल 2011 में उन्होंने परीक्षा पास की और एचबीटीआई कॉलेज, कानपुर में दाखिला लिया. उसके बाद साल 2015 में पढ़ाई पूरी करके वे प्रयागराज लौट आए. वापस आकर उन्होंने कोचिंग क्लास की शुरुआत कर दी.
चैनल पर 8.43 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर
अलख पांडे के अनुसार उनके दिमाग में यह आया कि पैसे के अभाव में कई बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. फिर उन्होंने कोचिंग संस्थान को बंद करने का फैसला किया. उसके बाद साल 2017 में अलख पांडे ने यूट्यूब पर फिजिक्स वाला नाम का चैनल बनाया. जहां उन्होंने इंजीनियरिंग प्रतियोगिताओं के लिए भौतिकी और रसायन विज्ञान विषय पढ़ाना शुरू किया. आज अलख के चैनल पर 8.43 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं.
कड़ी महेनत से मिली सफलता
आज लाखों दर्शक अलख के चैनल फिजिक्स वाला को हर महीने देखने आते हैं. फिजिक्सवाला ने कहा कि आने वाले समय में वह मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, गुजराती, ओडिया, मलयालम और कन्नड़ सहित नौ भाषाओं में शैक्षिक सामग्री लॉन्च करना चाहते है. उन्होंने कहा है कि वर्ष 2025 तक उनका लक्ष्य 250 मिलियन से अधिक छात्रों को जोड़ने का है. कंपनी ने भी बोला है कि फिजिक्स वाला करीब 20 ऑफलाइन कोचिंग क्लासरूम भी खोलने वाली है.