भारतीय मूल की लीना नायर का करियर ग्लोबल कंज्यूमर गुड्स कंपनी में लगभग 30 साल का रहा है. लीना नायर ने भारत का नाम बहुत रोशन करा है. आज लीना नायर उन सफल महिलाओं में से एक है जिहोने अपनी कड़ी महेनत के दम पर खूब नाम और पैसा कमाया है. लीना नायर की सफलता की कहानी सभी के लिए प्रेरणा. लीना नायर ने (1990-92) जेवियर्स स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (XLRI), जमशेदपुर, झारखंड से अपनी पढ़ाई पूरी करी थी और लीना नायर ने वहीं से गोल्ड मेडल भी जीता था.
उन्हें कई मानव संसाधन हस्तक्षेपों का श्रेय मिला हुआ है. इन्हीं में से एक था ‘करियर बाई चॉइस’. यह ऐसी महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनाने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम था, जिन्होंने अपने करियर को बहुत पीछे छोड़ दिया है.
लीना नायर महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली हैं
लीना नायर महाराष्ट्र में स्थित कोल्हापुर की रहने वाली हैं. लीना नायर ने अपनी स्कूली शिक्षा होली क्रॉस कॉन्वेंट स्कूल, कोल्हापुर से पूरी करी थी. वह यह भी कहती हैं कि जब भी उन्हें जमशेदपुर के जेवियर्स कॉलेज से ऑफर आया था तो फिर उनके लिए अपने परिवार को मनाना बहुत ज्यादा मुश्किल था. अपने पिता को समझाने के लिए लीना नायर को बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ा था कि उन्हें जमशेदपुर पढ़ने के लिए जाना है. जहां ट्रेन की सहायता से जाने में लगभग 48 घंटे का समय लगता है.
साल 2013 में लंदन जाकर कमाया खूब नाम
साल 1969 में जन्मे नायर साल 2013 में भारत से लंदन चले गई थी. उसी समय, लीना नायर को एंग्लो-डच कंपनी के लंदन मुख्यालय में नेतृत्व और संगठन विकास का वैश्विक उपाध्यक्ष भी बनाया गया था. साल 2016 में, वे यूनिलीवर की पहली महिला और सबसे कम उम्र की सीएचआरओ भी बनीं गई थी. भारतीय मूल की लीना नायर भारत देश का नाम बहुत ही ज्यादा रोशन कर रही हैं.
फिलहाल लीना नायर को फैशन की दिग्गज कंपनी शनैल का सीईओ नियुक्त किया गया है. इसके बाद उन्होंने यूनिलीवर से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि मैं यूनीलीवर में अपने लंबे करियर के लिए आभारी हूं, जो 30 साल से मेरा घर है. इसने मुझे वास्तव में उद्देश्य से संचालित संगठन में सीखने, बढ़ने और योगदान करने के कई अवसर दिए हैं. लीना यूनिलीवर में बतौर चीफ मन रिसोर्स आफिसर थी.