कृषि में स्थायी आय नहीं होने के कारण किसान हमेशा हैरान रहते हैं. लेकिन इन दिनों कई किसान हैं जो कृषि में कुछ नया कर रहे हैं और अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं. खासकर जैविक खेती इन दिनों बढ़ गई है. बहुत से लोग अब जैविक खेती की ओर रुख कर रहे हैं. लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि किसी ने अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़कर खेती की ओर रुख किया.
और वह भी एक युवती है. लेकिन वास्तव में ऐसा हुआ है और एक युवती ने एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी टीसीएस में अपनी उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़ दी और फल और सब्जियों की खेती शुरू कर दी. और वह कृषि से कुछ नहीं बल्कि प्रति वर्ष लगभग 20 करोड़ रुपये कमा रही है. आइए जानते हैं उनकी जीवन यात्रा..
यह युवती है हैदराबाद की गीतांजलि राजमणि. गीतांजलि का जन्म केरल में हुआ था लेकिन हैदराबाद में बस गईं. गीतांजलि गर्मी की छुट्टियों में घर केरल जाती थी. उनका बचपन केरल की पहाड़ियों और कृषि में बीता, इसलिए वे कृषि को जानती थीं और उससे प्यार करती थीं. जब वह 2 साल की थी तब उसके पिता की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.
गीतांजलि को उनकी मां और भाई ने पाला था. उन्होंने 2001 में बीएससी पूरा किया. फिर 2004 में उन्होंने पांडिचेरी से इंटरनेशनल बिजनेस में एमबीए पूरा किया. उसके बाद उन्होंने 12 साल तक क्लीनिकल रिसर्च इंडस्ट्री में काम किया.
गीतांजलि ने टीसीएस कंपनी में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी हासिल की थी. वहां उन्होंने ग्लोबल बिजनेस रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में काम किया. उसने इस नौकरी से बहुत कुछ सीखा. उसने 2014 में यह नौकरी छोड़ दी थी. वह अपनी जिंदगी में कुछ अलग करना चाहती थी. इसी बीच उसकी शादी भी हो गई.
गीतांजलि को व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए उनके पति और परिवार द्वारा अच्छी तरह से समर्थन दिया गया था. गीतांजलि ने महसूस किया कि लोग इन दिनों आहार पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. बाजार में केमिकल सब्जियों का चलन बढ़ा है. जैविक के नाम से ठगा जा रहा है. इन सब बातों को समझते हुए उन्होंने 2017 में अपनी खुद की खेती करने वाली कंपनी शुरू की. इसी बीच उन्हें ऑर्गेनिक सब्जियां बेचने का आइडिया आया.
गीतांजलि आज हैदराबाद, बैंगलोर, सूरत के विभिन्न शहरों में 46 एकड़ में जैविक खेती करती है. इसके लिए उन्हें बड़ी कंपनियों से फंडिंग भी मिली. गीतांजलि किसानों को सलाह देती है कि वे जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर रुख करें और अपनी जमीन को रासायनिक उर्वरकों से क्षतिग्रस्त होने से बचाएं. जबकि भारत की मिट्टी कृषि के लिए सबसे अच्छी है, इसे उर्वरकों द्वारा नीचा दिखाया जा रहा है.
गीतांजलि आज सालाना 20 करोड़ कमाती है. उसने 2017 में एक दवा कंपनी की स्थापना की थी. आज 16000 से अधिक ग्राहक उससे सब्जियां खरीदते हैं. लॉकडाउन में जहां हर कोई प्रभावित हुआ, वहीं गीतांजलि का कारोबार अच्छी तरह से बढ़ा. गीतांजलि ने एक ऐप भी बनाया है जिसके जरिए वे घर पर सब्जियां भी पहुंचाती हैं. अब उसका लोगों के साथ अच्छा व्यवसाय है और वह अन्य किसानों को जैविक खेती पर स्विच करने की सलाह देती है.