आज हम उस व्यक्ति के बारे में बात करने वाले है जो एक समय में दिल्ली के बिड़ला मंदिर में घूमने आए हुए लोगो की फोटो खींचता होता था और फिर उसे चाभी के छल्ले में चिपकाकर लोगो को बेचता होता थे मगर अपनी कड़ी मेहनत और लगन से आज के समय में भारत की मोबाइल बनाने वाली बड़ी कंपनी इंटेक्स के मालिक बन चुके हैं.
हम बात कर रहे है नरेन्द्र बंसल की इन्होने इस कंपनी की शुरुआत सिर्फ 20,000 रुपये में करी थी मगर आज के समय में ये कंपनी लगभग 6500 करोड़ की बन गई है. तो चलिए इनके बारे में जान लेते हैं की किस तरह से नरेन्द्र बंसल फर्श से अर्श तक कड़ी मेहनत करके पहुंचे है.
नरेन्द्र बंसल का जन्म और प्रारंभिक जीवन
साल 1963 में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के बाद्रा गाँव के एक परिवार में नरेन्द्र बंसल का जन्म हुआ था. नरेन्द्र बंसल के पिताजी का नाम भंवरलाल बंसल है जो की एक व्यवसायी थे और नरेन्द्र बंसल की माता गृहणी का काम देखती होती थी. नरेन्द्र बंसल के अलावा उनके 4 छोटे भाई और बहन होर भी है.
नरेन्द्र बंसल के जीवन की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक पंचायत स्कूल में पूरी हुई है. और फिर कई वर्षों के बाद नरेन्द्र बंसल का परिवार नेपाल में रहने लगा जहाँ से नरेन्द्र बंसल ने दसवीं कक्षा की पढ़ाई ‘विश्वनिकेतन हाई स्कूल’ से करी थी. फिर उसके बाद साल 1980 में नरेन्द्र बंसल का परिवार नेपाल को छोड़कर दिल्ली में आकर रहने लगा. दिल्ली में नरेन्द्र बंसल के पिता अनाज डीलर का काम करने लगे और नरेन्द्र बंसल ने दिल्ली से ही अपनी हायर सेकेंडरी की शिक्षा पूरी करी.
कुछ ऐसा था नरेन्द्र बंसल का करियर
नरेन्द्र बंसल बचपन से ही कुछ अलग करना चाहते थे और नरेन्द्र बंसल ने इसी सोच के साथ ही अपने पड़ोसियों और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर ऑडियो-विडियो कैसेट को बेचने का कारोबार शुरू कर दिया. क्योंकि उस समय इन चीजों की बहुत ही शानदार लोकप्रियता लोगो के बिच बनी हुई थी. और इस बिजनेस से बंसल अपना और अपनी पढाई का खर्चा बहुत ही आराम से चला रहे थे.
फिर उसके कुछ ही समय के बाद नरेन्द्र बंसल ने कुछ अलग और नया करने की सोची और फिर नरेन्द्र बंसल ने चांदनी चौक के नया बाज़ार में कार्डलेस फ़ोन के बिजनेस की शुरुवात कर दी और इसके साथ ही वो अपने सभी ग्राहकों को फ्री होम डिलीवरी और पिकअप सर्विस भी देने लगे. नरेन्द्र बंसल यह बिजनेस बहुत ही अच्छा चल रहा था पर इस बिजनेस में आगे भविष्य बिलकुल भी ना देखकर बंसल ने इस बिजनेस को बंद कर दिया.
फिर उन्होंने इस बिजनेस को बंद कर देने के बाद एक दोस्त का पोलोराइड कैमरा ले लिया और कैमरा लेकर नरेन्द्र बंसल दिल्ली के बिड़ला मंदिर में दर्शन करने आने वाले लोगो की फोटो खींचकर उसे चाभी के छल्लों पर चिपकाकर बेचने का छोटा सा बिजनेस शुरू कर दिया मगर फिर इस काम को भी नरेन्द्र बंसल पूरी तरह से बंद कर दिया क्योंकि इस बिजनेस में भी नरेन्द्र बंसल को भविष्य में ज्यादा सफलता नज़र नही आई थी.
इंटेक्स टेक्नोलॉजीज की शुरुवात और सफलता तक का सफर
नरेन्द्र बंसल सोनी, एचसीएल जैसी सफल और बड़ी कंपनियों तरह ही अपनी भी एक बड़ी कंपनी कड़ी करना चाहते थे जिसके लिए साल 1996 में अपने ब्रांड-नेम के एक प्रोडक्ट ईथरनेट कार्ड के साथ अपनी आईटी पेरीफेरल कंपनी इंटेक्स टेक्नोलॉजीज की नरेन्द्र बंसल ने शुरुवात करी.
नरेन्द्र बंसल के प्रोडक्ट चीन और कोरिया के मैन्युफैक्चरर्स और होलसेलर्स से आते होते थे जिस वजह से दूसरी कंपनियों के मुकाबले नरेन्द्र बंसल के प्रोडक्ट सस्ते होते थे. और इसके साथ ही पहले ही वर्ष में नरेन्द्र बंसल की कंपनी का लगभग 30 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. फिर इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने स्पीकर, होम थिएटर, डीवी डी प्लेयर आदि का निर्माण और बेचने का बिजनेस की भी शुरुवात कर दी.
साल 2007 नरेन्द्र बंसल ने भारत में बहुत ही तेजी से बढ़ते मोबाइल फ़ोन की मार्किट का चलन अच्छी तरह से समझ लिया था और फिर नरेन्द्र बंसल ने लोगो को अच्छी क्वालिटी और अच्छे फीचर के बहुत ही कम दाम में मोबाइल उपलब्ध कराने लगे और फिर इंटेक्स टेक्नोलॉजीज के मोबाइल सभी लोगो में पसंद आने लगे.
साल 2012 में नरेन्द्र बंसल की यह कंपनी एलईडी टीवी भी बनाने लगी और जल्दी ही यह कंपनी अपनी अच्छी क्वालिटी, फीचर और कम कीमत के दम तेजी से बढ़ने लगी. और आज के समय में इंटेक्स मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है.