कभी 30 रुपये वेतन से माँ घर चलाती थी; दिमाग में आया जबरदस्त आइडिया; आज खड़ी कर दी करोड़ो की कंपनी

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आज हम बात करने जा रहे हैं सरथ बाबू की. सरथ बाबू उस शख्स का नाम है जिसने न सिर्फ शिक्षा को अपना हथियार बनाकर गरीबी को हराया, बल्कि एक सफल व्यवसायी के रूप में उन्होंने करोड़ों की संपत्ति भी अर्जित करी. तो आइए जानते हैं उनके संघर्ष से सफलता तक की कहानी.

बेहद गरीबी में बिता बचपन
चेन्नई के मडिपक्कम में एक गरीब दलित परिवार में जन्मे सरथ बाबू एक झुग्गी बस्ती में रहते होते थे. आर्थिक रूप से बहुत कमजोर, उनके परिवार में दो बड़ी बहनें और दो छोटे भाई भी थे. पुरे परिवार को पालने की जिम्मेदारी सिर्फ सरथ बाबू की मां पर थी. उनकी मां एक स्कूल में मिड-डे मील बनाने का काम करती होती थीं 30 रुपये प्रति माह की तनख्वाह से वह किसी तरह अपने बच्चों का भरण पोषण कर रही थी. हालांकि, इतनी तनख्वाह में घर चलाना मुश्किल था.

शिक्षा के दम पर बढे आगे
सरथ को सिर्फ साक्षर नहीं होना था बल्कि उन्हें एक अच्छे संस्थान से अच्छी डिग्री लेनी थी ताकि उन्हें अच्छी नौकरी मिल पाए और अपने और अपने परिवार के भाग्य में सुधार कर सके. ऐसे में उनके एक दोस्त ने उन्हें पिलानी स्थित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, बिट्स, पिलानी के बारे में जानकारी दी. यहां एडमिशन मिलने का मतलब था कि उन्हें अच्छी नौकरी जरूर मिलेगी.

फिर सरथ ने इस कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए दिन-रात एक कर दिया और उन्हें बिट्स पिलानी में प्रवेश मिल गया. यहां एक बार फिर फीस उनकी राह में रोड़ा बन गई. इसके लिए सरथ की बहन ने अपने जेवर गिरवी रख दिए और उसकी फीस भर दी.

बिट्स पिलानी से डिग्री पूरी करने के बाद सरथ को चेन्नई में ही पोलारिस सॉफ्टवेयर लैब्स में नौकरी मिल गई. फिर उन्हें आईआईएम में एडमिशन लेना था ताकि वे मैनेजमेंट की डिग्री ले सके. ऐसे में काम करते हुए उन्होंने आईआईएम में दाखिले के लिए कैट परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. सरथ दो बार फेल हुए लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने कैट की परीक्षा पास कर ली.

शुरू करा खुद का बिजनेस
आईआईएम अहमदाबाद में ऐडमिशन लेने के बाद, उन्हें पढ़ाई के दौरान कई नौकरी के प्रस्ताव मिले. जिसका सैलरी पैकेज लाखों में था मगर सरथ अब नौकरी नहीं करना चाहते थे वे कुछ बड़ा करना चाहते थे. सरथ बाबू ने फूड सप्लाई व्यवसाय में आने की सोची.

बड़ी मुश्किल से पैसे का इंतजाम करने के बाद सरथ ने साल 2006 में एक लाख रुपये से अपनी कंपनी शुरू करी और इसे फ़ूड किंग केटरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत भी करवाया. शुरू में सरथ की यह कंपनी कॉफी, चाय, और स्नैक्स सप्लाई करने वाली कंपनियों में काम करती थी. फिर धीरे-धीरे उन्हें नई और बड़ी कंपनियों से ऑर्डर भी आने लगे. इसके बाद उन्होंने फूड किंग कैटरिंग के नाम से भारत में कई जगहों पर अपने रेस्टोरेंट खोलने लगे. आज वे हर महीना करोड़ों रुपए कमा रहा है.

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