अनीता डोंगरे भारतीय फैशन जगत में सबसे चर्चित नामों में से एक हैं. इस मशहूर फैशन डिजाइनर के स्टाइल, सोशल सर्कल और लाइफस्टाइल को देखकर कोई सोच भी नहीं सकता कि अनीता डोंगरे ने अपनी जिंदगी में कभी बुरा दौर देखा होगा. आज अनीता डोंगरे जो कुछ भी हैं, अपनी लगन और मेहनत की वजह से ही हैं. आइए जानते हैं उनके स्ट्रगलर से 800 करोड़ की कंपनी की मालकिन बनने की कहानी के बारे में.
महिलाओं को नहीं दी जाती थी काम करने की आजादी
एक सिंधी परिवार में अनीता डोंगरे का जन्म हुआ था. जहां महिलाओं को काम करने की आजादी बिलकुल भी नहीं दी जाती थी. इसलिए जब उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और जब उन्होंने इंटर्नशिप करना शुरू किया तो पूरा परिवार हैरान रह गया था. सभी ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा, लेकिन अनीता को उनके माता-पिता का पूरा साथ मिला.
मां को देखकर मिली प्रेरणा
डिजाइनर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह जयपुर जाया करती थीं और वहाँ वह सुंदर और रंगीन कपड़े पहने महिलाओं को देखती थी. तो उन्हें यह काफी ज्यादा अच्छा लगता होता था. उसने यह भी बताया था कि उसकी मां तीनों बच्चों के लिए कपड़े सिलती होती थी, जिससे अनीता को भी इसमें दिलचस्पी हो गई. उन्होंने 15 साल की उम्र में ही तय कर लिया था कि वह फैशन की पढ़ाई करेंगी.
मकान मालिक घर से निकाल देते थे
अनीता ने अपनी बहन के साथ किराए पर जगह लेकर काम शुरू करा था. शुरुआत में उनके पास केवल दो सिलाई मशीनें हुआ करती थीं. अनीता के लिए उस वक्त सारे खर्चे मैनेज करना आसान बिलकुल भी नहीं था इस वजह से वो बार-बार जगह बदलती रहती थी, कभी किराया बढ़ने की वजह से तो कभी मकान मालिक द्वारा किराया न दे पाने के कारण घर से निकाल दिए जाने की वजह से.
बना दिया खुद का ब्रैंड
अनीता के डिजाइन उस जमाने की कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे. मगर जब वह उन्हें दुकानों पर ले गई तो हर कोई उन कपड़ों को ठुकरा देता था, क्योंकि वे चलन के अनुसार नहीं थे.
बार-बार मना करने के बाद अनीता को गुस्सा आया और उन्होंने अपना खुद का ब्रांड स्थापित करने की योजना बनाई. आज उनकी कंपनी एंड डिजाइन इंडिया लिमिटेड में चार अलग-अलग उप-कंपनियों काम करती होती है. इनके स्टोर भारत में ही नहीं विदेशों में भी हैं.