पहले कॉरपोरेट की अच्छी खासी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ना. फिर इसके बाद अपने घर को बैच लगाकर बिजनेस शुरू करें. बहुत लोगों में इतनी हिम्मत नहीं होती. मगर जिन्हें भी आगे बढ़ना होता है, अपने सपनों को साकार करना होता है वही लोग ऐसा कर पाते हैं.
चुंबक ब्रांड की को-फाउंडर शुभ्रा चड्ढा ने ऐसा कर दिखाया है. शुभ्रा चड्ढा का महज 6 महीने में ही पूरा कारोबार डूबने के कगार पर पहुंच गया था. मगर जब उन्हें अपने पति का साथ मिला तो उन्होंने कभी भी असफलता की ओर मुड़कर नहीं देखा. आज देशभर में शुभ्रा के 17 स्टोर हैं और वह अपनी सफलता का लुत्फ उठा रही है.
नौकरी छोड़कर बेच दिया घर
शुभ्रा चड्ढा चुंबक ब्रांड की को-फाउंडर हैं और चुंबक ब्रांड बैग्स, गिफ्ट्स, रेडीमेड गारमेंट्स, होम डेकोर, ज्वैलरी, जैसे उत्पाद बेचता है. वर्ष 2008 में चड्ढा ने बेटी को जन्म देने के लिए नौकरी छोड़ दी थी. फिर उसके बाद चड्ढा ने सोचा कि वे व्यापार करने की ओर अपने विचार को लागू करने का फैसला करा है. फिर शुभ्रा चड्ढा ने अपना घर 40 लाख रुपये में बेच दिया और अपना काम शुरू कर दिया.
एक समय बिजनेस डूबने के कगार पर था
कारोबार शुरू करने के करीब छह महीने बाद ऐसा समय भी आया जब शुभ्रा का बिजनेस डूबने के कगार पर था. तभी शुभ्रा चड्ढा को अपने पति प्रभाकर का साथ मिला. उन्होंने सीईओ के रूप में पूर्णकालिक चुंबक में शामिल होने के लिए सन माइक्रोसिस्टम्स की नौकरी को छोड़ दिया. वह चुंबक की मार्केटिंग और बिक्री की देखरेख करते होते है और शुभ्रा डिजाइन और उत्पाद विकास का काम देखती हैं.
17 स्टोर्स खोले 8 सालों में
मार्च 2010 में शुभ्रा ने बंगलुरु में अपने ब्रांड का पहला स्टोर खोला था. उनकी प्रारंभिक उत्पाद श्रृंखला में मैग्नेट, की चेन और कुशन कवर शामिल थे. अब उनकी उत्पाद श्रृंखला में 100 से भी ज्यादा उत्पाद शामिल हो चुके हैं. वह अपने उत्पादों को अपनी वेबसाइट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचती है. देशभर में इनके 17 आउटलेट हैं.