पेशे से डेंटिस्ट शाइबा ने बिजनेस के लिए साल 2019 में नौकरी छोड़ दी थी. कुछ समय के अनुभव के लिए एथनिक फैशन में काम करने वाले दुबई स्थित ऑनलाइन एग्रीगेटर के साथ भी काम करा और फिर अपनी बहन शबाना सलाम के साथ स्टार्टअप प्लेटफॉर्म मनेरा की शुरुआत की. केवल एक वर्ष में 9,000 से अधिक स्टॉक-कीपिंग यूनिट्स के साथ 80 से अधिक विक्रेता बनाए गए.
शाइबा और शबाना ने पिछले कुछ महीनों में कोच्चि, बेंगलुरु, पुणे, त्रिवेंद्रम, कालीकट और अन्य शहरों में लगभग 10,000 ऑर्डर पूरे करे हैं. मेड इन इंडिया की थीम पर वर्ष 2021 में, कंपनी का लक्ष्य पूरे भारत में दो मिलियन से अधिक खरीदारों को पूरा करने के लिए 500 से अधिक विक्रेताओं को शामिल करना है. शबाना का कहना है कि मेट्रो शहरों के बाहर भी टियर टू और थ्री शहरों में अब इंटरनेट और स्मार्टफोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. इस वजह से मनेरा का फोकस इन शहरों पर है.
छोटे ब्रांडों को मार्केट प्लेस देने के विचार से शुरू हुआ था स्टार्टअप
स्टार्टअप शुरू करने से पहले दोनों बहनों ने भारत के कई छोटे ब्रांडों और खुदरा विक्रेताओं से मुलाकात की. देश में ई-कॉमर्स बूम के बावजूद उनका मार्केट एक्सपोजर नहीं था. शबाना का दावा है कि 100 बिलियन डॉलर के भारतीय फैशन खुदरा क्षेत्र में 70 फीसदी असंगठित और गैर-ब्रांडेड खुदरा विक्रेता, छोटे ब्रांड और अज्ञात डिजाइनर शामिल हैं.
उनकी या तो कोई ऑनलाइन उपस्थिति नहीं है या फिर बड़े प्लेटफॉर्म पर बड़े नामों के बीच खो जाते हैं. इन छोटे ब्रांडों और नवोदित डिजाइनरों के लिए एक मंच बनाने का विचार आया. हालांकि, दोनों जानते थे कि अमेजन और मिंत्रा को टक्कर देने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी की जरूरत है.
टेक्नोलॉजी के लिए दोस्तों और परिवार और से मिली मदद
दोनों बहनों ने तकनीक पर शोध किया और परिवार और दोस्तों से बात करी. अंत में एक पारिवारिक मित्र, प्रिंस जोस ने एक प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में हाथ मिलाया. उन्होंने यह प्लेटफॉर्म बनाने में मदद करी. अब पुणे में अपने मुख्यालय और कोच्चि में एक कार्यालय के साथ, मनेरा में 15 लोगों की एक टीम है, जो एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने की दिशा में काम कर रही है. अमेजन और मिंत्रा, नायका फैशन, लाइमरोड और अन्य के बीच अपना खुद का ईकॉमर्स स्टार्टअप स्थापित करने की चुनौती लेते हैं.
लगभग एक करोड़ रुपए का मिल चूका है सीड इन्वेस्टमेंट
दोनों बहनों ने अभी तक लगभग 1 करोड़ रुपये के सीड इन्वेस्टमेंट के साथ स्टार्टअप शुरू करा है. हालांकि, अभी वे ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए फंड की तलाश कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में नई प्रोजेक्ट शुरू की जा सकें.