तीन दोस्तों ने मिलकर खतरनाक आइडिया से मात्र 10 साल में खड़ी कर दी 7500 करोड़ रुपये की कंपनी

0
421

आज हम बात करने जा रहे हैं वेदांतु के बारे में. इसलिए वेदांतु, वेदांतु ने 29 सितंबर 2021 को बताया है कि सीरीज-ई के तहत कंपनी को 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिल चुकी है. अभी वेदांतु कंपनी यूनिकॉर्न क्लब ऑफ इंडिया का भी हिस्सा बन चुकी है. यूनिकॉर्न क्लब में ऐसे स्टार्टअप शामिल हैं जिनका मूल्यांकन $ 1 बिलियन से ज्यादा है.

कैसे हुई थी वेदांतु की शुरुआत

वामसी कृष्णा ने आईआईटी बॉम्बे से बी.टेक की डिग्री लेने के बाद साल 2005 में अपने तीन दोस्तों (पुल्कित जैन, सौरभ सक्सेना, और आनंद प्रकाश) के साथ लक्ष्य की स्थापना करी थी. यह एकेडमी छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेस परीक्षा के लिए प्रशिक्षित करती थी.

इन चारों ने 10 हजार से भी ज्यादा छात्रों सहित 200 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया. साल 2012 में एमटी एडुकेयर द्वारा लक्ष्य को खरीदने तक चारों ने वहां काम करना जारी रखा. चारों ड़सोतो ने साल 2011 में वेदांतु की शुरुआत करी थी, मगर साल 2018 में सौरभ सक्सेना ने कंपनी छोड़ दी थी और फिर बाकी तीन दोस्त मिलकर अब इस कंपनी को संभाल रहे हैं.

वेदांतु ने क्या करा है खास

वेदांतु ने यह सुनिश्चित करा था कि उनसे जुड़ा हर छात्र जब भी चाहे अपने शिक्षक से बात कर सके. हर कक्षा को बहुत ही इंटरैक्टिव और रोचक बनाया. सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि हर छात्र अपनी गति से चल सकता है.

सभी व्याख्यान रिकॉर्ड करे जाते हैं और सभी लेक्टर्स फिर से देखे जा सकते हैं. वेदांतु का यह भी दावा है कि अगर आपके इलाके में इंटरनेट की स्पीड अच्छी नहीं है तो भी कंपनी के लेक्टर्स अच्छी से चलते है.

लोग पसंद कर रहे हैं वेदांतु का मॉडल

वेदांतु की अध्ययन का तरीका छात्रों को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा है, इसलिए हर महीने करीब 35 मिलियन यूजर्स इसके ऐप और वेबसाइट का फ्री में इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले साल वेदांतु ने 2 लाख से भी अधिक फीस देकर पढ़ाई कर रहे छात्रों को पढ़ाया था, जो उससे एक साल पहले के मुकाबले 300% ज्यादा था.

वेदांतु हर छात्र पर नजर रखता है. इसके लिए समय-समय पर परीक्षण और व्यापक विश्लेषण किए जाते हैं. इससे छात्रों और उनके अभिभावकों को भी पता चलता है कि क्या और कितनी पढ़ाई हो रही है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here