आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बात करने वाले है जइसन कड़ी मेहनत करके सफलता को हसलील किया है. हम बात कर रहे है नागपुर की रहने वाली पल्लवी मोहाडीकर की. पल्लवी मोहाडीकर उन लोगों के लिए बड़ा जवाब है.
जो अभी के समय में भी यह समझते हैं कि महिलाओं को घर की चारदीवारी तक ही सीमित रखना चाहिए. एक आम परिवार में जन्मी ये लड़की आज के समय में न ही सिर्फ सालाना 60 करोड़ रुपए का टर्नओवर करती है, बल्कि देश भर में 1800 से भी ज्यादा बुनकरों का भविष्य भी संवार रही है.
कौन हैं पल्लवी मोहाडीकर
एक आम परिवार पल्लवी का जन्म में हुआ. पल्लवी मोहाडीकर के घर की आर्थिक स्थिति बिलकुल भी सही नहीं थी, फिर भी उनके पिता ने उनको स्कूल भेज. वह चाहते थे कि उनकी बेटी एक काबिल इंसान बने. उनकी बेटी ने भी निराश नहीं किया और अपनी मेहनत के दम पर प्रारंभिक शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए आईआईएम लखनऊ में चली गई.
यहां से पल्लवी मोहाडीकर एमबीए करने के बाद अच्छी नौकरी पाने में भी पूरी तरह से सफल रहीं. एक तरह से उनका जीवन बहुत ही अच्छा चल रहा था, लेकिन कुछ ऐसा था जो पल्लवी को परेशान कर रहा है. दरअसल, पल्लवी ऐसे परिवार से आती हैं, जहां कोसा रेशम से हस्तशिल्प साड़ियां बनाई जाती थीं.
ऐसे में उन्होंने बुनकरों की परेशानी को बहुत ही करीब से महसूस किया और उनके लिए कुछ करना चाहती थीं. इसी क्रम में पल्लवी मोहाडीकर ने नौकरी को छोड़ने का फैसला किया और साल 2017 में पुणे में स्टार्टअप शुरू किया. इसमें उनके पति डॉ. अमोल पटवारी ने पल्लवी मोहाडीकर का पूरा सहयोग किया.
नौकरी छोड़कर शुरू करा स्टार्टअप
पल्लवी ने देशभर में लगभग 1800 बुनकरों का नेटवर्क तैयार करा. इसके साथ ही अपने उत्पाद की जमकर मार्केटिंग भी की. कई वर्षों की कड़ी मेहनत करने के बाद अभी वह बहुत ही अच्छी स्थिति में है आज के समय में पल्लवी सालाना करीब 60 करोड़ का टर्नओवर करती हैं.