पिता का सपना था बेटा क्रिकेटर बने, हजारो किमी दूर जाकर प्रैक्टिस की; आज है बेस्ट फिनिशर

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भारतीय क्रिकेट टीम इस समय क्रिकेट पर हावी है. पिछली कुछ सीरीज में अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भारत के नए खिलाड़ियों का प्रदर्शन जबरदस्त रहा है.

वह खिलाड़ी हैं भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत. पिछले 2 साल में ऋषभ पंत के प्रदर्शन ने सभी का दिल जीत लिया है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक मैच में अहम भूमिका निभाई थी. वह इंग्लैंड के खिलाफ जीत में हीरो भी बने. एक साल पहले टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करने वाला यह क्रिकेटर आज भारत के लिए अहम मैच फिनिशर बन गया है. आइए जानते हैं उनकी जीवन यात्रा के बारे में.

ऋषभ पंत का जन्म 4 अक्टूबर 1997 को हरिद्वार, उत्तराखंड में हुआ था. रुड़की वही छोटा सा गांव है. क्रिकेटर बनने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. उत्तराखंड में जन्मे क्रिकेट का कोई भविष्य नहीं था. क्रिकेट सीखने के लिए अच्छे कोच नहीं थे. ऋषभ के पिता को क्रिकेट बहुत पसंद था.

जब ऋषभ ने रुड़की में क्रिकेट खेलना शुरू किया तो उन्होंने एक कप में 5 मैचों में 115 रन बनाए. उन्हें मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला. तब से वह एक क्रिकेटर के रूप में आसपास के क्षेत्र में पहचान हासिल कर रहे हैं. ऋषभ का क्रिकेटर बनने का कोई इरादा नहीं था. लेकिन उनके पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने पर जोर दिया. ऋषभ की शिक्षा रूधकी मधे में हुई.

ऋषभ ने भी दिल्ली जाकर क्रिकेट सीखने का फैसला किया. उन्होंने शुरुआत में दिल्ली को रुड़की से उखाड़ना शुरू किया. सफर लंबा होने के कारण मुश्किलें भी आईं. उसे वीडियो गेम खेलना पसंद था. खेल पार्लर वाला के लिए परिचय. उन्होंने दिल्ली के उस पार्लर में भी कई रातें बिताईं. लेकिन मेरी माँ चिंतित थी. बाद में मां और वह दिल्ली आते थे. ऋषभ अभ्यास करने के लिए रुड़की से दिल्ली तक 6 घंटे का सफर तय करते थे.

उन्होंने कई दिन और रात दिल्ली के एक गुरुद्वारे में गुजारे हैं. वह दिन में अभ्यास करते थे और रात में गुरुद्वारे में रुकते थे. माँ भी साथ आती थी. मां दिन में उस गुरुद्वारे में लोगों की सेवा करती थीं. ऋषभ के पिता ने दिल्ली में कोच देवेंद्र शर्मा से मुलाकात की थी. उन्होंने ऋषभ की प्रतिभा को तभी पहचाना जब ऋषभ ने अंडर -12 कप में तीन शतक बनाए. ऋषभ को बाद में दिल्ली के एयर फ़ोर्स स्कूल में भर्ती कराया गया. उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.


ऋषभ को बाद में दिल्ली के लिए रणजी खेलने का मौका मिला. अवसर का सोना. उन्हें 2016 अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम में नामित किया गया था. उन्होंने नेपाल के खिलाफ 18 गेंदों में अर्धशतक बनाकर अपना हुनर ​​दिखाया था. उन्होंने नामीबिया के खिलाफ शतक जड़कर भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाया. उसी दिन उन्हें दिल्ली की टीम ने आईपीएल में 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा था.

आक्रामक बल्लेबाजी का शौक रखने वाले ऋषभ ने 2016-17 में झारखंड के खिलाफ 48 गेंदों में शतक लगाया था. ऋषभ के पिता का 2017 में आईपीएल के दौरान निधन हो गया था. उस समय पंत की उम्र महज 20 साल थी. अंतिम संस्कार के दो दिन बाद पंत क्रिकेट मैदान पर लौटे थे. उन्होंने उस समय आरसीबी के खिलाफ अर्धशतक भी लगाया था. उनके इस एडवेंचर की काफी तारीफ हुई थी.

ऋषभ पंत ने 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के बहुत कम समय में कई रिकॉर्ड बनाए हैं. ऋषभ ने अपना वनडे डेब्यू 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था. आज पंत क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के लिए जमकर बल्लेबाजी कर रहे हैं. उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने क्रिकेट फैंस को दीवाना बना दिया है. कभी टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करने वाले ऋषभ की तुलना आज धोनी से की जा रही है.

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