आज तकनीकी युग में जहां हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है. और किसी भी क्षेत्र में खुद को सफल बनाना काफी मुश्किल हो चूका है. लेकिन अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है, ये बात हम स्नैपडील के फाउंडर कुणाल बहल से बखूबी सीख सकते हैं.
कुणाल बहल ने अपनी मेहनत और विश्वास के दम पर स्नैपडील की शुरुआत करी थी जिसे आज वह अपने हुनर के दम पर दिन-ब-दिन नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं. तो आइए जानते हैं कुणाल बहल की सफलता की कहानी के बारे में.
एक मध्यम परिवार में जन्मे कुणाल बहल के माता-पिता चाहते थे कि कुणाल अपने बड़े भाई की तरह एक सफल इंजीनियर बन जाए. कुणाल ने भी की कड़ी मेहनत लेकिन उन्हें आईआईटी में प्रवेश नहीं मिल सका. लेकिन वे इससे निराश नहीं हुए, बल्कि यह उनके जीवन की सबसे बड़ी सीख थी.
आईआईटी में एडमिशन न मिलने के बाद उन्होंने 6 हजार रुपये के वेतन पर एक निजी कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दिया. लेकिन कुणाल बहल के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. वे एक बिजनेस मैन बनना चाहते थे और सामान्य जिंदगी नहीं जीना चाहते थे कुणाल, फिर उन्होंर नौकरी छोड़ने का फैसला किया और नौकरी छोड़ दी.
कुणाल बिजनेस एजुकेशन की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और वहाँ वार्टन कॉलेज में दाखिला लिया, वार्टन एक ऐसा विश्वविद्यालय था जिसने 5 साल में इंजीनियरिंग प्लस बिजनेस डिग्री की पेशकश की. लेकिन कुणाल ने यह डिग्री केवल 4 साल में अपना समय और पैसा बचाने के लिए हासिल कर ली थी.
इसके बाद उन्होंने तीन से चार महीने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में काम किया. महज तीन-चार महीने नौकरी करने के बाद मजबूर होकर उन्हें भारत आना पड़ा. क्योंकि उनका वीजा की समय सीमा समाप्त हो चुकी थी. इस घटना के बाद भी वे निराश नहीं हुए और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ते रहे.
कुछ समय बाद उन्होंने स्नैपडील की शुरुआत की जो शुरू में लोगों को ऑनलाइन कूपन बेचते थे, शुरू में इसका विकास बहुत कम हुआ और बाद में लोगों यह पसंद आने लगा. और लोगों ने इसके लिए अपनी रुचि दिखाना शुरू कर दिया और इस कंपनी का कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ता गया,
इसके बाद इस कंपनी ने लोगों की जरूरत का हर सामान ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया. आज इस कंपनी के अंदर लाखों उत्पाद हैं. जो बहुत से लोगों की जरूरतों को पूरा करते है. और इस कंपनी में लाखों लोगों को नौकरी मिली, इस तरह कुणाल बहल ने अपनी मेहनत के दम पर स्नैपडील को करोड़ों की कंपनी बना लिया.