एक पिता का सपना होता है कि वह अपनी आंखो से अपने बच्चो को कामयाब होते हुए देख सके. इसके लिए पिता अपनी सारी दौलत लुटाने के लिए भी तैयार हो जाता है. ऐसी ही कहानी है Tata IPL में अपनी बल्लेबाज से सभी को आश्चर्यचकित कर रहे खिलाड़ी शिवम् दुबे की जिनके पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए अपनी सारी दौलत लूटा दी.
शिवम् दुबे जब छोटे थे तो उनके पिता ने उनकी क्रिकेटर बनने की काबिलियत की पहचान की और शुरुआत में घर में ही स्टंप लगाकर उन्हें क्रिकेट की प्रैक्टिस करवानी शुरू की और धीरे धीरे शिवम् को इतना आत्मविश्वास दिया कि वे खुद की काबिलियत की पहचान कर पाए.
शिवम दुबे बताते हैं कि जब उनके पिता उन्हें प्रैक्टिस करवाते थे तो वे दिन भर में उन्हें 500 से भी ज्यादा बोल डाला करते थे.इसके अतिरिक्त उनके पिता उनके लिए स्पेशल डाइट तैयार करते थे उनकी मालिश करते थे साथ ही उन्हें दौड़ने और कसरत करना की भी ट्रेनिंग दिया करते थे.
लेकिन शिवम दुबे और उनके पिता राजेश दुबे के लिए एक समय ऐसा आया जब शिवम दुबे के पिता को बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए अपना कारोबार तक बेचना पड़ा. शिवम दुबे को जब अपना खेल जारी रखने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत थी तो उनके पिता ने अपना जींस का व्यापार बेच दिया जिसके चलते उनके पूरे परिवार को आर्थिक संकट के लंबे दौर से गुजरना पड़ा.
लेकिन जिस दिन शिवम दुबे भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए तो उनके पिता की सारी मेहनत सफल हो गई. शिवम बताते हैं कि यह दिन उनके जीवन का सबसे बड़ा और सबसे यादगार दिन था. इस दिन उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था क्योंकि इस दिन केवल वे कामयाब नहीं हुए थे बल्कि उनके पिता की वर्षों की मेहनत भी कामयाब हो गई थी.
शिवम् दुबे बताते है कि आज वे जिस मुकाम पर है इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जितनी मेहनत उन्होंने की है उससे कहीं ज्यादा मेहनत उनके पिता ने की है क्योंकि यदि उनके पिता उनके साथ नहीं होते तो वे आज इस मुकाम तक सोचने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते थे.