पिता ने भारत को दिया था देश का पहला स्कूटर, बेटे ने मेहनत कर खड़ी की 60 हजार करोड़ की कंपनी

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आज भी वह पुराना स्कूटर भारत के अलावा कई देशों में कई लोगों के पास खड़ा है. जिनकी बहुत सी यादें जुड़ी हैं हमसे, यह हमारे और दिवंगत राहुल बजाज की सफलता की कहानी है जो आप सभी और गरीबों के लिए आगे आ रहे हैं.


राहुल बजाज एक बहुत ही अच्छे इंसान थे जिन्हें भारत में स्कूटर का राजा माना जाता है. राहुल बजाज ने भारत में सबसे पहला स्कूटर बजाज “चेतक” तैयार करा था. महाराणा प्रताप के घोड़े के नाम पर यह “चेतक” नाम रखा गया था. 1980 तक बजाज कंपनी स्कूटर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी थी.

राहुल बजाज 49 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे. जिन्होंने बजाज ग्रुप के इस 49 साल के करियर में बजाज ग्रुप को एक नई ऊंचाई, एक नए आयाम तक पहुंचाया.

इस तरह हुई थी बजाज ग्रुप की शुरुआत
साल 1926 में राहुल बजाज के दादा यानी जमुना लाल बजाज ने बजाज ग्रुप की शुरुआत करी थी. राहुल बजाज, 26 साल की उम्र में, 1964 में 26 नवंबर को बजाज कंपनी में शामिल हुए थे. पहले बजाज कंपनी में कमर्शियल डिपार्टमेंट में काम करना शुरू करा. उन्होंने अपनी मेहनत, लगन, अद्वितीय विचार, प्रतिभा, निरंतर प्रयास से बजाज को 72 मिलियन से 46.16 बिलियन की कंपनी बना दी थी.


राहुल बजाज 1964 में बजाज ऑटो से जुड़े थे. 1968 तक वह बजाज कंपनी के सीईओ बन गए थे. 1972 में बजाज कंपनी ने बजाज स्कूटर लॉन्च कर दिया. चेतक स्कूटर के लॉन्च होते ही लोगों ने इसे पसंद किया और इसे खरीदना शुरू कर दिया. और इसकी बुकिंग इतनी ज्यादा थी कि बुकिंग के समय पर्ची में लिखा होता था कि गाड़ी की बुकिंग 6-6 साल के लिए हो चुकी है.

10 हजार करोड़ से भी ज्यादा था कंपनी का टर्नओवर
1965 में बजाज कंपनी का टर्नओवर 3 करोड़ तक हो चूका था. साल 2008 तक बजाज कंपनी का टर्नओवर करीब 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा तक हो चूका था. यह सब राहुल बजाज की कड़ी मेहनत के कारण संभव हो सका है.

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