वो कहते हैं ना – ‘पंखो से कुछ नहीं होता, होसलों से उड़ान होती है’ आज हम आपको एक ऐसी हस्ती के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने जिंदगी के संघर्षों को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया. हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के मशहूर कोरियोग्राफर धर्मेश येलांडे यानी धर्मेश सर के बारेमे. आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरियोग्राफर बनने से पहले धर्मेश चपरासी का काम करते थे, इतना ही नहीं उन्होंने एक समय में वडापाव बेचते थे, ताकि अपना हर चला सके.
प्रसिद्ध कोरियोग्राफर धर्मेश येलांडे ने आज बॉलीवुड में अग्रणी युवा कोरियोग्राफरों में अपना नाम बनाया है. फराह खान से लेकर रेमो डिसूजा तक उनके टैलेंट को सलाम करते हैं. अपने एक पोस्ट में, धर्मेश बड़ौदा की तंग गलियों से लेकर एक भारतीय डांस रियलिटी शो में जज बनने तक के अपने सफर के बारे में बात करते हैं.
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के फेसबुक पेज पर धर्मेश ने कहा, “जब नगर पालिका ने मेरे पिता की दुकान को गिरा दिया तो हमारा जीवन बहुत मुश्किल में था.” क्योंकि परिवार की आमदनी का जरिया पैसा ही था. इसके बाद पिता ने चाय का दौर शुरू किया.
धर्मेश ने लिखा, ‘मुझे पापा की चाय की दुकान पर रोज 50-60 रुपये मिलते थे, इस पैसे से परिवार की जरूरतें पूरी करना बहुत मुश्किल था, लेकिन पापा ने हमेशा हमारी पढ़ाई पर ध्यान दिया. वह हमारे स्कूल की फीस में एक-एक पैसा जोड़ देता था.
गोविंदा एक्टिंग करते थे
धर्मेश ने कहा कि वह बचपन से डांसर बनना चाहते थे, इसलिए वह टीवी के सामने बैठकर गोविंदा के लिए एक्टिंग और डांस करते थे. छठी कक्षा में एक नृत्य प्रतियोगिता जीतने के बाद, उनके पिता ने घर की खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद, उन्हें एक नृत्य कक्षा में भर्ती कराया.
धर्मेश ने कहा कि उन्होंने 19 साल की उम्र में कॉलेज में कम अंक लाने के कारण कॉलेज छोड़ दिया था. उसके बाद वह एक सैनिक के रूप में काम करता था. इन सब से उन्हें 1600 रुपये प्रतिमाह मिलते थे. इससे वह अपनी डांस फीस भरते थे.
पापा आज भी चाय की दुकान चलाते हैं
धर्मेश ने कहा, “मैंने अपनी कमाई से अपने परिवार के लिए एक घर खरीदा है।” उन्होंने कहा कि मना करने के बावजूद पापा आज भी अपनी चाय की दुकान चलाते हैं, मैं इस बात से कई बार इनकार कर चुका हूं लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी.
धर्मेश ने कहा कि मुझ लगता है कि मैंने उनसे कभी ना हार मानने वाला रवैया अपनाया है।धर्मेश ने कहा कि मां कहा करती थी कि डांस से पैसे नहीं आएंगे, लेकिन इसके बावजूद भी मैं डांस को कभी नहीं छोड़ना चाहता था और यह मेरे लिए सांस लेने जैसा ही जरूरी था.