बिजनौर पुलिस ने सोने के बदले भगवान महावीर की पीली धातु की मूर्ति बेचने वाले गुंडों के एक गिरोह को पकड़ा है, इस पूरे मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल सोने की मूर्ति के लालच में मूर्ति खरीदने वाले लोगों ने मूर्ति खरीदने के लिए 15,86,150 के नकली नोट भी दिए. पहले भी यह गिरोह भगवान महावीर और जैन धर्म के कई अवतारों की मूर्तियों को सोने में बेचने का काम कर चुका है. बिजनौर के एसपी देहात रामराज ने कहा कि यह धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला है जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे को धोखा दे रहे हैं.
बिजनौर के मंडवाड़ा थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी का अनोखा मामला सामने आया है. जब पुलिस वाहनों की जांच कर रही थी, तब एक वैगनआर की जांच की गई और चार लोगों के पास से बड़ी मात्रा में करेंसी जब्त की गई। रुपयों को जब थाने लाकर पुलिस ने गिना तो वह 15,83,050 निकला।इतनी बड़ी रकम ले जाने के बारे में जब चारों से अलग-अलग पूछताछ की गई तो चारों के जवाब संदिग्ध पाए गए।पुलिस ने जांच की तो उनके मोबाइल फोन पर उन्हें कई जैन देवी-देवताओं की मूर्तियों की तस्वीरें मिलीं, जिसके बाद उनसे कड़ी पूछताछ की गई।
इस जांच में सामने आया कि ये लोग भगवान महावीर की मूर्तियों पर पॉलिश कर उन्हें सस्ते में बेचने का झांसा दे रहे हैं और अब चार किलो वजनी मूर्ति बेचकर जनकपुर आ रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, मूर्ति खरीदारों और यूनुस के कहने पर भगवान महावीर की सोने जैसी दिखने वाली मूर्ति को जब्त कर लिया गया, यह कहकर उन्हें धोखा दिया गया कि मूर्ति सोने की नहीं है, जिसके बाद खरीदारों ने कहा कि उन्होंने नकली नोट भी दिए .
पुलिस ने जब नोटों की जांच की तो सिर्फ 1400 रुपये के नोट असली निकले, बाकी 1586150 रुपये के नोट नकली निकले. पुलिस ने 547 बदमाशों के खिलाफ मंडवार थाने में धारा 420 व 489 बी के तहत मामला दर्ज कर चार लोगों को जेल भेज दिया है तथा फरार गैंग के सरगना अख्तर की तलाश जारी है.