कुछ लोग बचपन से ही अपने जीवन में कुछ बनने की ख्वाहिश रखते हुए अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं. वही कुछ लोग किसी चीज को देखकर या किसी व्यक्ति को अपना आदर्श मानकर अपने जीवन में कुछ बनने की कोशिश करते हैं.
ऐसे ही एक शख्स हैं अशोक, जिन्होंने अपने सपने को पूरा कर लेने के लिए खुद मेहनत की और 4 सीटर विमान बनाया. इस विमान को बनाने के बाद उन्होंने इसका नाम अपनी बेटी के नाम पर रखा. आइए जानते हैं इसकी शुरुआत कैसे हुई.
इस तरह आया था आईडिया
साल 2013 में जब अशोक अलीसेरिल थमारक्षण को यूके में अपना घर स्थापित करते समय एक विमान की आवाज सुनाई देती है. यह सुनकर वह बहुत उत्साहित हो गए और इसके बारे में जानने के लिए वे निकल पड़ते है. यह जानने के बाद उन्हें पता चला कि विमान पास के ही एयरफील्ड से आता है. यह देख उनका मन भी विमान उड़ाने का करने लगा. मगर दिक्कत ये थी कि उनके पास लाइसेंस नहीं था. साल 2018 में, उन्होंने अपने इस शौक को पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने पायलट का कोर्स किया. फिर साल 2019 में ही उन्होंने सिविल एविएशन यूके से लाइसेंस भी हासिल कर लिया.
विमान बनाने में आया 1.8 करोड़ रुपये का खर्च
अशोक ने अपने शौक को पूरा करने के लिए खुद का विमान बनाया. उन्होंने अपनी बेटी के नाम पर विमान का नाम रखा. उन्होंने विमान का नाम जी दीया रखा था. इसे बनाने में उन्हें करीब 1.8 करोड़ रुपये का खर्च आया था. वह ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने के लिए 2006 में यूके गए. फिर अशोक वही सेटल हो गए.वह यूके में फोर्ड मोटर कंपनी के लिए काम करते थे.
कोर्स कर के मिला था लाइसेंस
अशोक को लाइसेंस मिला तो वह पूरे ब्रिटेन की सैर करने के लिए निकल पड़े. पूरे यूके की यात्रा करने के बाद, उन्हें अपने परिवार के साथ एक विमान में यात्रा करने का मन हुआ. मगर जिस प्लेन में वो सफर करते थे वो सिर्फ 2 सीटर का था. तब 4 सीटर विमान किराए पर नहीं मिला करते थे. मगर 4 सीटर विमान खरीदने की लागत बहुत अधिक होती, इस वजह से अशोक ने अपना विमान बनाने का फैसला लिया.
अशोक का कहना है कि इस विमान को बनाने में एयरक्राफ्ट एसोसिएशन ने उनकी मदद की थी. यह लाइट एयरक्राफ्ट का एक हिस्सा है. वहां से उन्हें एहसास हुआ कि विमान खरीदने से बेहतर विमान बनाना बेहतर होगा.ब्रिटेन में 4 सीटर विमान न मिलने के कारण अशोक जाहान्सबर्ग में 4 सीटर स्लिंग उड़ाने गए थे. जिससे प्रभावित होकर उन्होंने एयरक्राफ्ट किट कर ऑर्डर दिया. फिर उन्होंने वापस आकर यूके में ही स्लिंग टीएसआई बना ली.
लॉकडाउन में बनाया खुद का विमान
यह लॉकडाउन की शुरुआत थी जब अशोक ने एयरक्राफ्ट किट का ऑर्डर दिया था. जिससे उन्हें काफी समय मिला था और उन्हें वर्क फ्रॉम होम प्राफिट भी हुआ. अशोक बताते हैं कि एक विमान बनाने के लिए सात किट की जरूरत होती है. जिसे उन्होंने एक-एक करके ऑर्डर करा.
अशोक का कहना है कि उसने प्लेन बनाने के लिए यूट्यूब की मदद ली थी. अशोक ने मशीन बनाने के बारे में खोज करी. अशोक को असेंबल करने में देर नहीं लगी. उन्होंने एक महीने में एक विंग इकट्ठा किया, धीरे-धीरे वह विंग को इकट्ठा करते रहे. और उन्होंने अपने बगीचे में असेंबल की प्रक्रिया शुरू की.
12 निरीक्षण होने के बाद मिली थी विमान को उड़ाने की मंजूरी
साल 2021 में उनका विमान बनकर तैयार हुआ था. एयरक्राफ्ट अथोरिटी ने विमान का निरीक्षण करा. 12 निरीक्षण करने के बाद, अशोक को आखिरकार फरवरी 2022 में इस विमान को उड़ाने का प्रमाण पत्र मिल गया.अशोक ने जब पहली बार विमान उड़ाया तब उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.