बेटी को केक नहीं मिलने पर दिमाग में आया खतरनाक बिजनेस, आज खड़ी की 630 करोड़ रुपये की कंपनी

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बहुत से युवा आज बहुत अच्छी पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी से वंचित हैं, उनमें प्रतिभा जरूर है लेकिन उनके पास अच्छी नौकरी पाने का अवसर नहीं है. कुछ लोगों का हुनर ​​सिर्फ दौड़ में जाता है. लेकिन कुछ लोग अपने कौशल का उपयोग नए अवसर पैदा करने के लिए करते हैं. बहुत से लोग व्यवसाय करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास व्यवसाय से संबंधित सभी नई तकनीक और अन्य जानकारी नहीं है.

वहीं, कई युवाओं के पास पैसे की कमी है. कुछ लोग व्यापार करना चाहते हैं लेकिन उनका विचार इतना जटिल है कि उस पर अमल करना संभव नहीं है. इन कारणों से वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू नहीं कर सकता है. कानूनी तौर पर ये सिर्फ बहाने हैं और लोग जोखिम लेने से डरते हैं और इन बहाने का सहारा लेते हैं. आपको अन्य लोगों के प्रति जो सहायता प्रदान करते हैं, उसमें आपको अधिक भेदभावपूर्ण होना होगा.

अधिकांश समय, आप पाएंगे कि अधिकांश व्यावसायिक विचार समस्या समाधान से संबंधित हैं. हालाँकि पहली बार में आप सोच सकते हैं कि यह समस्या और विचार बहुत आम है. लेकिन यह साधारण सी लगने वाली समस्या व्यापक होती जा रही है. यदि आप कुछ असामान्य लेकर आते हैं, तो उन्हें अपनी स्थिति पर फिर से विचार करना होगा.

आज की कहानी दो भाइयों की है जिन्होंने एगलेस केक के आइडिया को एक सफल बिजनेस में बदल दिया. प्रदीप दास और सुख चमदल, दोनों भारतीय मूल के हैं, आज लंदन में “एगफ्री केक बॉक्स” के बैनर तले एक सफल स्टार्टअप चला रहे हैं. उनका बिना अंडे का शाकाहारी केक फॉर्मूला यूके के केक बाजार में एक आधुनिक मोड़ के साथ आया. उनकी बिना अंडे वाली केक की बिक्री का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी कंपनी की कीमत इस समय 630 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

केक सालों से बिक रहा है और लोगों के बीच इसका क्रेज लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों में इसकी प्रथा बहुत पुरानी है. लंदन केक के लिए भी एक बड़ा बाजार है, लेकिन यहां अंडे का इस्तेमाल केक बनाने के लिए किया जाता है, जिसे शाकाहारी लोग चाहकर भी नहीं खा सकते हैं. लंदन में शाकाहारियों की संख्या भी अधिक है लेकिन केक खाने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई. ऐसे में बिना अंडे के केक ने उन्हें जबरदस्त विकल्प दिया.

दरअसल सुख चडमल की बेटी केक खाना चाहती थी, लेकिन उनका पूरा परिवार शाकाहारी है. खुशी की बात है कि लंदन में वेज फूड की बहुत कम दुकानें हैं. ऐसे में उनके दिमाग में बिना अंडे का केक बनाने का ख्याल आया. उन्होंने अपने चचेरे भाई प्रदीप के साथ इस बारे में सोचा और फिर यहीं से एग्फ्री केक बॉक्स का सफर शुरू हुआ.

उन्होंने बिना अंडे का इस्तेमाल किए केक की रेसिपी बनाई. लेकिन इसके स्वाद, रंग और स्पंजीपन में कोई अंतर नहीं है, जिससे ग्राहक को यह न लगे कि वह स्वाद और गुणवत्ता में किसी भी तरह से समझौता कर रहा है. नुस्खा का आविष्कार करने के बाद, उन्होंने 2008 में एक छोटी सी दुकान से इसकी शुरुआत की. उनकी दुकान अप्टन पार्क, ग्रीन स्ट्रीट, ईस्ट लंदन में थी. आज उनके यूनाइटेड किंगडम में 90 से अधिक स्टोर हैं.

एग्फ्री केक बॉक्स क्वालिटी पर सबसे ज्यादा ध्यान देता है. इसके लिए वे बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करते हैं. दोनों मालिकों का कहना है कि वे अपने ग्राहकों को उचित मूल्य पर स्वादिष्ट और सुंदर केक प्रदान करते हैं. एग्फ्री केक बॉक्स के सह-संस्थापक 45 वर्षीय प्रदीप कहते हैं, “हम उन क्षेत्रों में अपने आउटलेट खोल रहे हैं जहां क्षमता अधिक है. हमारी डिलीवरी सेवा बहुत तेज है. केवल 20 मिनट के औसत समय में, ग्राहकों को उनके मनचाहे डिज़ाइन का केक प्राप्त होगा और 1 दिन में एक विशेष वेडिंग केक डिलीवर किया जाएगा.

2017 में, कंपनी ने अपनी वेबसाइट को ‘क्लिक एंड कलेक्ट’ फीचर के साथ लॉन्च किया. जिसके तहत ग्राहक अलग-अलग तरह के केक में अपना पसंदीदा केक ऑर्डर कर सकते हैं और चुन सकते हैं. साथ ही, वे बिना किसी देरी के अपना केक लेने के लिए स्टोर पर जा सकते हैं. साथ ही ग्राहक इस वेबसाइट पर ‘स्टोर लोकेटर’ के जरिए अपने नजदीकी स्टोर का पता लगा सकते हैं. उपभोक्ताओं ने मफिन, शुद्ध भैंस के दूध की बर्फी और ईगल चीज़केक भी लॉन्च किए हैं क्योंकि उनके उत्पाद लोकप्रिय हैं.

इन भाइयों की कहानी वाकई प्रेरणादायक है. उन्हें अपने आस-पास ऐसे अवसर मिले, जहाँ उनके पास असीमित पेशेवर क्षमता थी. अगर आप इसे ऐसे ही देखें तो हमारे चारों ओर असंख्य विचार छिपे हैं, जिनमें अनंत अवसर हैं. किसी को बस इसका पता लगाना है.

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