बेटे को पढ़ाने मां ने दूसरों के घर किया काम, खाने पिने में मुश्किलें हुई; ५७०वीं रैंक हासिल कर बनें IPS अधिकारी

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माँ घर-घर जाकर छत्ता रोटियां बना रही थी. यूपीएससी का पहला प्रयास देते समय हुआ एक हादसा इन तमाम मुश्किलों को पार करते हुए सफीन हसन ने 2017 की यूपीएससी परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की और आईपीएस बनने का सफर पूरा किया.

सफीन गुजरात के सूरत में रहता हैं. उसके माता-पिता एक हीरा इकाई में काम करते थे. कुछ समय के लिए, उनके माता-पिता की नौकरी चली गई. इसलिए उनकी मां घर-घर जाकर छत्ता बनाती थीं. मेरे पिता इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे. उनके माता-पिता भी सर्दियों में अंडे और चाय बेचते थे.

एक खास इंटरव्यू में सफीन ने कहा, ‘मैंने अपनी मां नसीम को ठंड में भी पसीना बहाते देखा है. मैं किचन में पढ़ता था. मेरी मां सुबह 3 बजे उठकर 20 से 200 छत्ते बनाती थीं. इस काम से वह महीने में पांच से आठ हजार रुपए कमा लेती थी. सफीन के मुताबिक कई बार उन्हें भूखे पेट सोना पड़ता है

सफीन हसन से पूछा गया, “आपको आईपीएस बनने के लिए किसने प्रेरित किया?” सफीन ने कहा कि एक बार एक डीएम हमारे गांव का दौरा कर रहे थे. वह एक अंगरक्षक के साथ चल रहा था और सभी को बता रहा था कि आपकी समस्याओं का निदान जल्द ही किया जाएगा. तो मैंने किसी से पूछा कि डीएम कैसे बने. उन्होंने कहा कि डीएम कोई भी बन सकता है लेकिन इसके लिए सिर्फ एक परीक्षा होती है और उसी दिन से मुझे अपना लक्ष्य मिल गया.

अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, सफीन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (NIT) में प्रवेश लिया. उन्होंने कहा कि जब मैं स्कूल में था तो हेडमास्टर ने मेरी 80,000 रुपये की फीस माफ कर दी थी. इसके अलावा, जब वे दिल्ली में थे, तब उनका खर्च गुजरात के पोलारा परिवार ने दो साल तक वहन किया था. कुछ ने उनकी कोचिंग के लिए पैसे भी दिए.

पहला प्रयास करने पर सफीन का एक्सीडेंट हो गया था. लेकिन वह जो लिखावट लिखता था वह एकदम सही था. जांच के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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