बेहद गरीबी में बिता बचपन, 11 साल पहले की थी बिजनेस की शुरुवात, आज खड़ी की 15000 करोड़ की कंपनी

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पहले के जमाने में ज्यादातर लोग किराना दुकान पर जाकर ग्रोसरी की खरीदारी करते थे. समय बदलने के साथ लोगों के पास ऐसे कई विकल्प आ गए हैं, जिससे लोग अपने घर का सामान तुरंत घर बैठे और ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं. किराने की दुकान से सामान प्राप्त करने से लेकर किराने का ग्रोसरी ऑनलाइन ऑर्डर करने तक बहुत कुछ बदल गया है.

लंबे समय से ऑनलाइन किराना क्षेत्र में नाम और पहचान बना हुआ बिग बास्केट लगातार बढ़ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिग बास्केट ने किराना बाजार में अपने पैर कैसे जमाए है.

बिग बास्केट की सफलता की कहानी

यह हरि मेनन की मेहनत ही है जिन्होंने बिग बास्केट को ग्रोसरी का बिग बॉस बना दिया है. कहानी साल 1999 में शुरू होती है, वी एस सुधाकर, अभिनय चौधरी, हरी मेनन, और विपुल पारेख ने फैब मार्ट शुरू किया था. मगर फिर कुछ ही समय के बाद उन्होंने इसे ऑनलाइन मार्केट से फिजिकल ग्रॉसरी बिजनेस में पूरी तरह से बदल दिया था. मगर पहले प्रयास में वे सफल नहीं हो पाए.

पहली कोशिश में असफल

पहले असफल प्रयास के बावजूद चारों ने मिलकर फिर एक और प्रयास किया. इसी प्रयास के तहत दोनों ने मिलकर साल 2011 में बिग बास्केट की स्थापना की. इस मिथक को पूरी तरह से तोड़ दिया कि ई-कॉमर्स तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता है. एक मजबूत मॉडल के साथ बिग बास्केट तेजी से आगे बढ़ता रहा.

किस तरह से मिली कंपनी को फंडिग

किसी भी स्टार्टअप के लिए एक अच्छी रकम होना जरूरी है, उसी तरह बिग बास्केट ने भी शुरुआती दौर में फंडिंग के तौर पर 1 करोड़ डॉलर्स जुटाए थे. यह कंपनी उन चुनिंदा स्मार्टअप्स में शामिल हो गई जिन्हें उस वक्त सबसे ज्यादा फंडिंग मिली थी. यह 18 हजार से अधिक उत्पादों और 1000 से अधिक ब्रांडों के साथ भारत में सबसे बड़े ऑनलाइन किराना स्टोर के रूप में काम कर रहा है.

इस बिजनेस आइडिया ने कई लोगों के जीवन को आसान बना दिया. सब्जियां, मसाले, दाल, फल, पैकेज्ड फूड समेत और भी कई उत्पादों की ऑनलाइन डिलीवरी करी जा रही है. फिलहाल यह कंपनी छोटे शहरों समेत देश के करीब 25 से भी ज्यादा शहरों में अपना कारोबार कर रही है.

टाटा ग्रुप ने दिया कंपनी का साथ

कोरोना के समय में ऑनलाइन ग्रोसरी खरीदने में लोगों की दिलचस्पी काफी ज्यादा बढ़ी और डिमांड बढ़ने से उन्हें काफी अच्छा फायदा भी हुआ. उस दौरान बहुत से ऐसे ग्राहक बिग बास्केट से खरीदारी करने के लिए आए जो की वहां पहली बार आए थे और ऑनलाइन रिटेल में कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहे टाटा ग्रुप ने बिग बास्केट में 64 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली.

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