भारत का नगरसेवक दुबई जाकर 30,000 करोड़ का मालिक बना, 1 गलती की बजह से सब बेचना पड़ा

0
694

उनका जन्म भारत में एक साधारण परिवार में हुआ था. कम उम्र में ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था. ग्राम नगर पालिका में दो बार पार्षद बने. लेकिन उन्होंने राजनीति छोड़ दी और आठ डॉलर लेकर दुबई चले गए. डॉलर 8 पर, वर्तमान भारतीय कीमत लगभग 600 है. एक समय तो वह लोगों के घर जाकर गोलियां बेचता था. वही युवक ने दुबई में अपनी खुद की फार्मा कंपनी शुरू की. कंपनी 170 देशों में फैल गई. उनका साम्राज्य इतना बढ़ गया कि उनकी कुल संपत्ति 30,000 करोड़ तक पहुंच गई. लेकिन उन्होंने कुछ गलतियाँ कीं और उन्हें अपनी बहु-अरब डॉलर की कंपनी को मात्र 1 डॉलर यानि 75 रूपये में बेचना पड़ा. आइए जानते हैं कौन है यह युवक और कैसे किया उसने इस साम्राज्य का निर्माण..

बाबागुथु रघुराम शेट्टी यानी बी.आर. शेट्टी कर्नाटक के उडपी में एक मामूली घर में पैदा हुए एक युवक हैं. घर में हालात बेहद खराब थे. उनका जन्म 1 अगस्त 1942 को शंभू और कुसुमा शेट्टी के घर हुआ था. शेट्टी ने अपनी शिक्षा भारत में पूरी की. 1970 में उन्होंने मणिपाल विश्वविद्यालय से फार्मासिस्ट के रूप में स्नातक किया. फार्मेसी में डिग्री हासिल करने के बाद शेट्टी एक फार्मा कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर बन गए. शेट्टी के घर की स्थिति दयनीय थी. उन्हें राजनीति से भी प्यार था. इसलिए वे अपने व्यवसाय पर ज्यादा ध्यान नहीं दे सके.

शेट्टी को अपनी बहन की शादी के लिए एक बैंक से कर्ज लेना पड़ा था. शेट्टी राजनीति में भी शामिल थे. 26 साल की उम्र में उन्हें राजनीति में बड़ा मौका मिला. वह उस समय जनसंघ में सक्रिय थे. उन्हें उडपी नगर निगम का टिकट भी मिला. अटल बिहारी वाजपेयी उस समय उनके प्रचार के लिए आए थे. 16 साल के मोदी और शेट्टी का तब भेट भी हुई थी. शेट्टी उस समय दो बार नगर पालिका के लिए चुने गए और नगरसेवक बने. लेकिन उन्हें अपनी बहन की शादी के कर्ज के बोझ की चिंता सता रही थी. उन्होंने देश छोड़कर यूएई जाने का फैसला किया.

जब शेट्टी दुबई चले गए, तो उन्होंने वहां एक चिकित्सा प्रतिनिधि के रूप में काम करना शुरू कर दिया. हर दिन वह मेडिकल राउंड कर मार्केटिंग करने लगा. वह लोगों के घरों में गोलियां भी बेचता था. वह सिर्फ 500 रुपये लेकर यूएई पहुंचा था. स्थिति बहुत नाजुक थी. काम के दौरान उन्हें वही ड्रेस रात को धोकर अगले दिन पहननी होती थी. शेट्टी ने अपने कर्ज का भुगतान करने के लिए कड़ी मेहनत की. बाद में 1975 में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की. उन्होंने न्यू मेडिकल सेंटर (एनएमसी) नियो फार्मा शुरू किया. उन्होंने मेडिकल के साथ-साथ एक क्लिनिक भी शुरू किया. क्योंकि उनकी पत्नी चंद्रकुमार रेड्डी एक डॉक्टर थीं.

उनके छोटे से क्लिनिक का विस्तार इतना बढ़ा की आगे उनके अस्पताल में 2,000 डॉक्टर शामिल हो गए. उन्होंने 45 बड़े अस्पताल भी शुरू किए. उनका साम्राज्य बाद में कई देशों में फैल गया. 2012 में यह संयुक्त अरब अमीरात की लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली पहली कंपनी बन गई. 1980 में, शेट्टी ने यूएई का सबसे पुराना प्रेषण व्यवसाय, यूएई एक्सचेंज शुरू किया और वित्त क्षेत्र में प्रवेश किया. हेल्थकेयर के बाद, शेट्टी ने धीरे-धीरे हॉस्पिटैलिटी, फूड एंड बेवरेज, फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग और रियल एस्टेट में कदम रखा.

लोग अपनी सेवाओं का उपयोग यूनिमनी के रूप में पैसे घर भेजने के लिए करते हैं. यह सेवा इतनी लोकप्रिय हुई कि इसने कम समय में 31 देशों में 800 से अधिक शाखाएँ खोलीं. 2014 में उन्होंने ब्रिटिश कंपनी ट्रैवेलेक्स को खरीदा. उन्होंने फिनाबलर और नियो फार्मा का विस्तार 145 देशों में किया है. शेट्टी ने भारत में कई अस्पताल भी खरीदे हैं. उन्होंने तेल और गैस की खोज करने वाली कंपनी असम टी को 1,000 करोड़ रुपये में खरीदा था. इसके अलावा उन्होंने करोड़ों रुपये की कई बड़ी खरीदारी की. जो उन्हें आगे महंगा पड़ा.

शेट्टी ने दुबई के बुर्ज खलीफा में दो मंजिलें खरीदी हैं. उन्हें महंगी कारों का भी शौक है. उनके पास रोल्स रॉयस से लेकर प्राइवेट जेट तक कई महंगी कारें हैं. तुलु बंट समाज के बीआर शेट्टी ने अपनी संपत्ति बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये कर ली. उन्हें संयुक्त अरब अमीरात का सर्वोच्च पुरस्कार और भारत का पद्म श्री भी मिला.

पिछले साल दिसंबर में, मड्डी वाटर रिसर्च के संस्थापक और लेखक कार्सन ब्लॉक ने एक रिपोर्ट में एनएमसी की आलोचना की और उस पर संपत्ति को गलत तरीके से पेश करने और संपत्ति को लूटने का आरोप लगाया. बाद में उनकी कंपनी को लंदन स्टॉक एक्सचेंज से डीलिस्ट कर दिया गया था. उसके बाद एलएसई ने ऐलान किया था कि शेट्टी की कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

यूएई के केंद्रीय बैंक ने भी शेट्टी के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू की. उनकी एनएमसी हेल्थ और अमीरात स्थित कंपनियों पर सरकार से मिलीभगत का आरोप लगाया गया है. नतीजतन, शेट्टी महीनों से अमीरात से गायब थ. उनकी कंपनियों के खिलाफ कम से कम पांच मामलों की जांच की जा रही है. अपनी फिनाब्लर कंपनी को एक डॉलर में बेचने का भी फैसला किया गया था. कंपनी को इजरायल के प्रिज्म ग्रुप एजी को बेचा जाएगा. कर्ज के बोझ के कारण बीआर शेट्टी के लिए कंपनी को बेचने का समय आ गया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here