देश के सबसे अमीर व्यक्ति और दिग्गज बिजनेसमैन गौतम अडानी काफी सुर्खियों में हैं. हाल ही में वह माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स को पछाड़कर दुनिया के अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर पहुंच चुके हैं और इसके साथ ही वह फ्रांस के बिजनेसमैन बर्नार्ड आरनॉल्ट को पछाड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. मगर क्या आप यह जानते है गौतम अडानी यूं ही देश के सबसे अमीर शख्स नहीं बन गए हैं.
इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष करा है. गौतम अडानी ने अपने जीवन में हर परिस्थिति में कुछ बातों का अमल हर हाल में करा है. इस बारे में वह कई बार मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में भी बता चुके हैं. यदि आप भी अमीर बनना चाहते हैं तो गौतम अडानी से जरूर सीखें ये 10 बातें.
1) आज भी परिवार के साथ खाते हैं खाना
गौतम अडानी बहुत व्यस्त रहते हैं. मगर फिर भी वह अपने परिवार के साथ ही खाना खाते हैं. यह गौतम अडानी का नियम है कि तमाम व्यस्तता के बावजूद परिवार के सभी सदस्य ऑफिस में लंच टेबल पर एक साथ बैठते हैं. अदानी का कहना है कि व्यस्तता जीवन का हिस्सा है, मगर परिवार के लिए समय निकालना भी बहुत जरूरी है.
2) जन्मभूमि से है बहुत लगाव
गौतम अडानी से एक बार पूछा गया था कि उन्होंने अपने व्यवसाय के प्रधान कार्यालय के लिए अहमदाबाद को ही क्यों चुना है, जबकि उनका व्यवसाय तो पूरी दुनिया में फैला हुआ है. अदानी कहते है कि अहमदाबाद उनका जन्मस्थान है, जिसमे वह बड़े हुए है और इस शहर ने उनके व्यवसाय में उनका काफी साथ दिया. उनका कहना है कि गुजरात मेरे परिवार जैसा है और परिवार से दूर कोई भी नहीं जाता है.
3) हमेशा देखे आए है बड़े सपने
अदानी का परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके के शेठ चॉल में रहा करता था. मगर उनका सपना हमेशा कुछ बड़ा करने और सफल होने का था. गौतम अडानी की व्यावसायिक यात्रा तब शुरू हुई जब वे गुजरात विश्वविद्यालय से बी.कॉम पूरा किए बिना मुंबई चले गए. उन्होंने डायमंड सॉर्टर के रूप में शुरुआत की और कुछ ही वर्षों में मुंबई के झवेरी बाजार में अपनी खुद की डायमंड ब्रोकरेज फर्म शुरू कर ली.
4) ऐसे करी थी शुरूआत
वर्ष 1991 में आर्थिक सुधारों के कारण अडानी के व्यवसाय में तेजी से विविधता आई और वे एक बहुराष्ट्रीय व्यवसायी बन गए. साल 1995 में गौतम अडानी के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुई, जब उनकी कंपनी को मुंद्रा पोर्ट के संचालन का ठेका मिला. गौतम अडानी ने अपने व्यवसाय का विविधीकरण जारी रखा और 1996 में अडानी पावर लिमिटेड अस्तित्व में आया.
5) कभी नहीं हारी हिम्मत
गौतम अडानी की जिंदगी का एक बड़ा डराने वाला किस्सा साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले से जुड़ा है. 26 नवंबर 2008 को, वह मुंबई के ताज होटल में रात के खाने के लिए गए थे, तब उस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया. आतंकियों ने करीब 160 लोगों को मार गिराया, मगर अडानी ने हिम्मत नहीं हारी और बचने में सफल रहे.
6) कभी पीछे नहीं हटे मेहनत करने से
गौतम अडानी ने अपने करियर की शुरुआत एक हीरा व्यापारी के रूप में की थी हीरे का काम अच्छा चला.
इसलिए वे 1981 में अहमदाबाद आए, जहां उन्होंने अपने चचेरे भाई की पॉली विनाइल क्लोराइड की फर्म शुरू करने में मदद की. फिर साल 1988 में, उन्होंने गौतम अडानी एक्सपोर्ट्स के तहत एक कमोडिटी ट्रेडिंग वेंचर शुरू किया.
7) मुसीबत से कभी न घबराना
साल 1997 में गौतम अडानी को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था. गौतम अडानी को रिहा करने के बदले में 15 लाख डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी. ऐसा कहा जाता है कि गौतम अडानी के अपहरण के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उर रहमान उर्फ फजलू रहमान का हाथ था.
8) हमेशा सहायता के लिए तैयार रहना
गौतम अडानी की फाउंडेशन देश के लगभग 16 राज्यों में है. इन जगहों पर अडानी फाउंडेशन 2400 से ज्यादा गांवों की 40 लाख से ज्यादा आबादी को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा मुहैया कराते है. अडानी फाउंडेशन 11 राज्यों के एक लाख लड़के-लड़कियों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण भी देता है.
9) कभी घमंड न करना
टाटा ग्रुप और रिलायंस के बाद अडानी ग्रुप 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा का बाजार पूंजीकरण हासिल करने वाला देश का तीसरा कारोबारी घराना है. अडानी का व्यवसाय खानों, बंदरगाहों, बिजली संयंत्रों, हवाई अड्डों, डेटा केंद्रों और रक्षा क्षेत्रों में फैला हुआ है. मगर गौतम अडानी को कभी गर्व नहीं हुआ. वह हमेशा परिवार और जमीन से जुड़े रहे हैं.
10) हमेशा ही आगे बढ़ने के बारे में सोचना
गौतम अडानी हमेशा से ही आगे बढ़ने के बारे में सोचते होते हैं. पहले जब गौतम आर्थिक दिक्कतों का सामना करते होते थे तब भी उन्होंने कभी निराशा को अपने पर हावी बिलकुल भी नहीं होने दिया. आज भी वह आगे बढ़ने के लिए काफी मेहनत करते हैं.