एक कर्मचारी से एक उद्यमी बन जाने तक स्वाति भार्गव की यह कहानी निश्चित रूप से आपको प्रेरित करेगी. स्वाति भार्गव कैशकरो की सह-संस्थापक हैं.
स्वाति भार्गव का जन्म और शिक्षा
हरियाणा के अंबाला शहर में स्वाति भार्गव का जन्म हुआ था. वह शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी. स्वाति भार्गव ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र और गणित में ऑनर्स करा है.
ऐसे हुई केरियर की शुरुआत
2009 में, स्वाति भार्गव ने एक बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन सेक्स के साथ ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप शुरू करी. फिर इसके बाद में उन्हें गोल्डमैन सेक्स द्वारा पूर्णकालिक नौकरी की पेशकश करी गई. स्वाति ने निवेश बैंकिंग प्रभाग में 4 वर्षों तक क्रेडिट बिक्री और ग्राहक संबंधों पर काम करा. साल 2010 में, उन्होंने अपने दम पर कुछ करने के लिए गोल्डमैन सेक्स की नौकरी छोड़ दी.
एक उद्यमी बनने की यात्रा
लंदन में स्वाति भार्गव ने रोहन भार्गव से मुलाकात करी, जो उनके पति हैं. रोहन को अलादीन कैपिटल और वाशिंगटन स्क्वायर के साथ काम करने का बहुत ही ज्यादा अनुभव है. उन्होंने केश बेक पाने के लिए क्विडको वेबसाइट का इस्तेमाल करा था. उन्हें केशबेक का कॉन्सेप्ट बहुत ही पसंद आया.
उन्होंने केशबेक की अवधारणा और इसकी क्षमता को महसूस करा था. इस कॉन्सेप्ट के आधार पर कपल ने साल 2011 में बिजनेस शुरू कर दिया था. और फिर यूके में पौरिंग पाउंड के नाम से एक बी2बी व्यवसाय शुरू किया.
आज के समय में पौरिंग पाउंड यूके में अग्रणी केश बेक कंपनियों में से एक बन चुकी है, और यह कंपनी लगभग 2800 से भी ज्यादा लोकप्रिय व्यवसायों के साथ काम कर रही है. स्वाति ने यूके स्थित एंजेल इन्वेस्टर्स ग्रुप इन्वेस्टेक और पेपाल से सीड फंडिंग में US$750,000 जुटाए.
ऐसे हुई भारत में कैशकरो की शुरुआत
यूके में सफल होने के बाद उन्होंने कंपनी को भारत में भी शुरू करने का फैसला करा. उन्हें भारत में विस्तार के लिए पूंजी की आवश्यकता थी. इसके लिए उन्होंने पेशेवरों की एक टीम बनाई, इस युवा जोड़े ने भारत में भी अपना बी 2 बी व्यवसाय शुरू करा. यूके के बाद यह कंपनी भारत में भी सफल रही.
आज कैशकरो देश की सबसे बड़ी कूपन साइट बन चुकी है. आज वह ई-कॉमर्स दिग्गज शापक्लुज, पेटीएम, अमेज़न, फ्लिप्कार्ट, मिंत्रा सहित 2000 से भी ज्यादा कंपनियों के साथ कारोबार करती हैं.