जब स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी की बात आती है, तो फिर प्रैक्टो वह नाम है जो दिमाग में सबसे पहले आता है. कंपनी अपने ग्राहकों को अभिनव समाधान और सेवाएं प्रदान करके भारत की सबसे बड़ी हेल्थटेक कंपनी बन चुकी है. आज हम प्रैक्टो कंपनी की सफलता की कहानी के बारे में जानने वाले है.
ऐसे हुई थी प्रैक्टो कंपनी की शुरुआत
इस कंपनी की शुरुआत साल 2008 में शशांक एनडी और अभिनव लाल द्वारा स्थापित करी गई थी. मगर स्थापना के समय इस कंपनी ने काफी उतार-चढ़ाव देखे थे और साल 2013 में इस कंपनी ने खुद को पूरे भारत में लॉन्च करा और आज यह कंपनी 50 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं दे रही है.
हेल्थटेक कंपनी ने एक साधारण ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुकिंग सिस्टम के रूप में शुरुआत करी थी. शुरुआत में उन्होंने प्रैक्टो रे विकसित किया है, जो एक क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म है जो डॉक्टरों को उनके रोगी रिकॉर्ड को प्रबंधित करने में मदद करता है. और प्रैक्टो कंसीयज ने एक ऐसी सेवा को शामिल करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार भी करा है, जो मरीजों को डॉक्टर ढूंढने और अपॉइंटमेंट बुक करने में काफी मदद करता है.
ऐसे हुई प्रैक्टो कंपनी सफल
इस कंपनी के लिए शुरुआती दिन बहुत कठिन थे. उन्हें डॉक्टरों को अपने मंच के लिए साइन अप करने के लिए मनाना बहुत ज्यादा मुश्किल था. और उन्हें मरीजों को ये विश्वास दिलाना था कि यह अपॉइंटमेंट बुक करने का एक सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका है. उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2010 तक यह ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा मंच पांच भारतीय शहरों में उपलब्ध थी.
साल 2013 में कंपनी ने क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म प्रैक्टो रे लॉन्च करा. जो की डॉक्टरों को अपने रोगियों के रिकॉर्ड को मैनेज करने में काफी ज्यादा मदद करता है. यह फीचर कंपनी के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ. क्योंकि इससे उन्हें ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने में बहुत मदद मिली. आज भारत में 30,000 से भी ज्यादा डॉक्टर प्रैक्टो रे का उपयोग करते हैं.
आज यह ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा मंच 50 से अधिक देशों में उपलब्ध हो चूका है और इसके 30 मिलियन से भी ज्यादा उपयोगकर्ता हैं. कंपनी ने सिकोइया कैपिटल, टेनसेंट, और गूगल जैसे निवेशकों से $200 मिलियन से ज्यादा जुटाए हैं. ऑनलाइन हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म अभी भारत की सबसे ज्यादा बड़ी हेल्थटेक कंपनी बन चुकी है.