आज हम बात करने वाले कुशल पाल सिंह के बारे में जिन्हें आज लोग भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के सबसे बड़े डेवलपमेंट मैन के रूप में पहचानते हैं. ये उनकी मेहनत, लगन और हुनर का ही चमत्कार है कि आज डीएलएफ-दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस का कारोबार देश के करीब 20 राज्यों के 25 शहरों में फैल चूका है. जिसमें कई बड़ी विदेशी कंपनी समूहों और बहुत से लोगों ने भी निवेश करा हुआ है. और उनकी वजह से हजारों लोग इस रियल एस्टेट में रोजगार करते हैं. आइए जानते हैं कुशल पाल सिंह के इस सफल जीवन की कहानी को विस्तार से.
कुशल पाल सिंह का प्रारंभिक जीवन
उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले में एक जाट जमींदार परिवार में 15 अगस्त 1931 को कुशल पाल सिंह का जन्म हुआ. उन्होंने मेरठ कॉलेज (उत्तर प्रदेश) से विज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की और उसके बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए ब्रिटेन चले गए.
डीएलएफ के संस्थापक और कुशल पाल सिंह के इसमें शामिल होने की कहानी
चौधरी राघवेंद्र सिंह ने डीएलएफ- दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस की स्थापना वर्ष 1946 में करी थी जो कि कुशल पाल सिंह के ससुर है. यह कंपनी नई दिल्ली, भारत में स्थित है. वर्ष 1960 में कुशल पाल सिंह ने ‘अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी’ जो की यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी है, ओवोस्सो (मिशिगन) और सिंह परिवार के बीच एक संयुक्त व्यापार था, उसकी जिम्मेदारी भी पूरी तरह से संभाली.
फिर उसके बाद कुशल पाल सिंह ने भारत में औद्योगिक बैटरी बना लेने के लिए फिलाडेल्फिया की ‘ईएसबी इंक’ के सहयोग से ‘विलार्ड इंडिया लिमिटेड’ नाम की कंपनी शुरू करी. फिर साल 1979 में अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी का विलय ‘डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड’ में कर दिया गया.और कुशल पाल सिंह डीएलएफ के प्रबंध निदेशक बन गए.
डीएलएफ – दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस की सफलता की कहानी
डीएलएफ- दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस ने सबसे पहले दिल्ली में शिवाजी पार्क, ग्रेटर कैलाश, राजौरी गार्डन, कैलाश कॉलोनी, कृष्णा नगर, साउथ एक्सटेंशन, और हौज खास जैसी आवासीय कॉलोनियों का विकास शुरू किया.
साल 1970 में, डीएलएफ- दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस कंपनी ने गुड़गांव में अपनी डीएलएफ सिटी परियोजना के तहत होटल, बुनियादी ढांचे और विशेष आर्थिक क्षेत्र से संबंधित विकास परियोजनाओं को विकसित करना शुरू किया. आज ‘डीएलएफ साइबर सिटी’ भारत का सबसे बड़ा विकसित प्रौद्योगिकी पार्क है, जो लगभग 125 एकड़ तक फैला हुआ है.
डीएलएफ ने करीब 3000 एकड़ जमीन खरीदी और इसे भवन निर्माण के लिए विकसित किया और भारत में ‘जीई’ और ‘नेस्ले’ जैसी बड़ी कंपनियों को भी काफी ज्यादा आगे बढ़ाया अभी के समय में डीएलएफ के पास लगभग 10,000 एकड़ का ‘लैंड बैंक’ है और इस कंपनी का मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 1,25,000 करोड़ रुपये है और आज के समय में भी देश के कई शहरों में कंपनी के बहुत से अपकमिंग प्रोजेक्ट्स सफलतापूर्वक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.