कॉफी के बारे में सोचते ही स्टारबक्स का नाम अपने आप दिमाग में आ जाता है. इस कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से प्रगति की सीढ़ी चढ़ी है. अभी जब कंपनी की प्रगति की बात आती है, तब उस व्यक्ति के बारे में भी बात करना जरूरी हो जाता है जिन्होंने स्टारबक्स को इस मुकाम तक लाकर खड़ा करा है और उस शख्स का नाम हॉवर्ड स्कूल्ज है.
छोटी उम्र में शुरू कर दिया नौकरी करना
वर्ष 1953 में न्यूयॉर्क में हॉवर्ड स्कूल्ज का जन्म हुआ था. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने कम उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर दिया था. तभी पिता की भी नौकरी छूटने के कारण परिवार की आर्थिक तंगी शुरू हो गई, मगर हॉवर्ड स्कूल्ज स्थिति से लड़ते रहे.
एंट्री-लेवल सेल्समैन की भी करी है नौकरी
स्कूल्ज जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहते थे इस वजह से उन्होंने आगे की पढ़ाई करने का फैसला करा. मगर पैसे की कमी उनके रास्ते में एक बाधा थी. इस बाधा को दूर करने के लिए स्कूल्ज ने स्कॉलरशिप हासिल करी. हॉवर्ड स्कूल्ज ने अपने परिवार की देखभाल करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए ज़ेरॉक्स में एक एंट्री-लेवल सेल्समैन के रूप में काम किया.
कभी बेचा करते थे कॉफी बीन्स भी
फिर कुछ समय बाद उन्होंने एक कॉफी रोस्टर में नौकरी मिली. आपको बता दें कि स्टारबक्स पहला कॉफी रोस्टर था, जो बाद में एक कॉफी शॉप बन गया. हॉवर्ड वहां कॉफी बीन्स बेचते थे. हालांकि जल्द ही अपनी काबिलियत के दम पर उन्हें एक बड़ा पद मिल गया.
एक बार वे दूसरे कॉफी हाउस गए, जहां का माहौल उन्हें बहुत अच्छा लगा. इसके बाद उनके मन में एक कॉफी हाउस खोलने की इच्छा थी जहां लोग एक साथ बैठकर कॉफी पी सकें. उन्होंने अपने मालिकों को इसका प्रस्ताव दिया, मगर उन्होंने इसे पूरी तरह से ठुकरा दिया. हॉवर्ड को मालिकों के इस रवैये से काफी नाखुश थे और फिर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपना कॉफी आउटलेट शुरू कर दिया.
इस तरह करी स्टारबक्स की शुरुआत
साल 1984 में, जब हॉवर्ड को पता चला कि स्टारबक्स को बेचा जा रहा था, तब हॉवर्ड ने इसे खरीदा और फिर अपने सपनों को पूरा करने के लिए हॉवर्ड दिन-रात महेनत करने लगे. उन्होंने देश-विदेश में कंपनी की शाखाएं खोली. नए विचारों के बल पर उन्होंने स्टारबक्स को लोगों के बीच प्रसिद्ध किया. आज स्टारबक्स तेजी से विस्तार कर रहा है. हाल ही में कंपनी ने 318 नए आउटलेट खोले हैं. इसके साथ ही दुनियाभर में इसके आउटलेट्स की संख्या बढ़कर 34,948 हो गई है.