10वी में फेल होने के बाद रिश्तेदारों ने उनका मजाक उडाया, आज है 400 करोड़ की कंपनी का मालिक

0
418

आज हम भारत के एक ऐसे युवक के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत और काम के प्रति लगन से बहुत ही कम उम्र में वह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसे कर पाना हर किसी के लिए बहुत मुश्किल होता है.इस युवक ने भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपना नाम बनाया है. हम बात कर रहे हैं मनन शाह की, जिन्होंने एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है.

बड़ी-बड़ी कंपनियों का नुकसान होने से बचाया

अपने हुनर ​​से उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट फेसबुक, ब्लैकबेरी, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, एपल के सिस्टम में खामियां ढूंढकर इन कंपनियों को बड़े नुकसान होने से बचाया है. मनन शाह के इसी हुनर ​​का इस्तेमाल आज देश की पुलिस इंटेलिजेंस भी करती है. तो आइए जानते हैं दोस्तों मनन शाह ने किस तरह कम उम्र में ही एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन कर दिया था.

मनन शाह का जन्म 19 अगस्त 1993 को भारत के गुजरात राज्य के एक छोटे से गाँव में हुआ था. उनके पिता का नाम भारत और माता का नाम प्रतीक्षा शाह था. उनको बचपन से ही कंप्यूटर सीखने का अलग ही लगाव था. अपने बेटे की कंप्यूटर में रुचि देखकर मनन के पिता ने उसके लिए एक कंप्यूटर खरीदा.

10वीं में होने गए थे फेल

घर में कंप्यूटर आ जाने के बाद मनन दिन-रात कंप्यूटर में लगे रहते थे. और इसी बीच मनन स्कूल की 9वीं क्लास पास कर ली लेकिन 10वीं में फेल हो गए थे. और फिर मनन ने स्कूल छोड़ने का फैसला किया और वे अधिक से अधिक समय कंप्यूटर सिखने के लिए बिताने लगे. और हर दिन कुछ अलग करते हुए पढ़ाई छोड़कर मनन को कई लोगों के अलग-अलग विचार सुनने को मिले.

इसी क्षेत्र में उनका पूरा मन साल 2009 में लगा था. जब उन्होंने एम.एस यूनिवर्सिटी में हैकिंग वर्कशॉप में भाग लिया था और तभी से मनन ने एथिकल हैकिंग में अपना करियर बनाने की सोची.

शुरुआत करी खुद की कंपनी

इस क्षेत्र में अपना हुनर ​​सीखने के बाद मनन ने दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, गूगल ब्लैकबेरी, एप्पल के सिस्टम की कमियों को दूर किया. इसमें उन्होंने अपना नाम के साथ-साथ खूब पैसा कमाया. उनके इस हुनर ​​को देखकर उनकी राज्य पुलिस ने भी उनके साइबर क्राइम में मदद मांगी.

उन्होंने अपनी एथिकल हैकिंग कंपनी भी खोली और इसका नाम एवलांस ग्लोबल सॉल्यूशंस रखा. इनके कंपनी की वैल्यू आज ४०० करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. यह पहली और इकलौती कंपनी है जिसे फिल्मों की पाइरेसी रोकने का काम भी मिला है. उन्होंने रैनसमवेयर जैसे सॉफ्टवेयर का सॉल्यूशन ढूंढ कर भारत की कई कंपनियों को भी बचाया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here