10 हजार लेकर आये थे दिल्ली, दुकान पर काम किया; आज बना दी 7000 करोड़ की कंपनी

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हेवल्स का नाम आपको बाजार में प्रमुखता से देखने को मिलेगा. इस नाम को आज किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. हर इंसान इस ब्रांड को अचे से जानता है तो आइए जानते हैं हेवल्स ब्रांड की सफलता की कहानी के बारे में.

21 वर्षीय में कीमत राय आ गया थे दिल्ली

अविभाजित भारत के मलेरकोटला के एक छोटे से गाँव में 1937 में जन्मे कीमत राय गुप्ता ने सबसे पहले अपनी आजीविका के लिए एक शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया. मगर कीमत राय गुप्ता का सपना कुछ बड़ा करने का था. यही कारण था कि उस समय 21 वर्षीय कीमत राय गुप्ता 1958 में दिल्ली चले गए थे. उस समय उनकी जेब में सिर्फ 10 हजार रुपये ही थे. उनको इन्हीं पैसों से ही अपने लिए कुछ नया शुरू करना था.

दुकान में करी थी नौकरी
दिल्ली आने के बाद कीमत राय ने भगीरथ पैलेस के बाजार में एक रिश्तेदार से इलेक्ट्रॉनिक्स का काम सीखा. और सही समय देखकर कुछ समय बाद अपनी दुकान शुरू कर दी. कीमत राय हवेली राम गांधी के वितरक थे उस समय हवेली राम आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे. और बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी के कारण वे अपनी कंपनी को भी बंद करने की सोच रहे थे. उन्हें कंपनी को बेचना था और कीमत राय अपने काम को बढ़ाना चाहते थे.

7 लाख में खरीद थी यह कंपनी
हालांकि कीमत राय के पास उस वक्त इतने पैसे नहीं थे कि वे कंपनी को खरीद सकें. फिर उन्होंने किसी तरह पैसे का इंतजाम करा. फिर बात चलती रही और 7 लाख में डील पक्की हो गई. फिर इस तरह से हवेली राम गांधी बन गए कीमत राय गुप्ता का हेवल्स


कीमत राय गांधी ने स्थानीय बाजार से हेवल्स के कारोबार को बढ़ाना शुरू किया. उसे इस बात का काफी सटीक अंदाजा था कि ग्राहक को क्या पसंद है और क्या नहीं. और फिर वर्ष 1976 में, उन्होंने दिल्ली के कीर्ति नगर में अपना पहला स्विच और रिचांगोवर का एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया.

खड़ा कर दिया अरबों का साम्राज्य
कीमत राय गुप्ता ने एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू करा था, उन्होंने हेवल्स को अरबों का साम्राज्य बनाते हुए वर्ष 2014 में इस दुनिया को छोड़ दिया. गंभीर बीमारी के चलते कीमत राय गुप्ता का निधन हो गया कहा जाता है कि किमत राय गुप्ता कंपनी को आगे ले जाने के लिए आखिरी समय तक काम करते रहे.

आर्थिक तंगी से जूझ रही कंपनी को कीमत राय गुप्ता ने सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाया, आज हेवल्स दुनिया के 51 देशों में अपनी 91 से अधिक निर्माण इकाइयों के साथ काम कर रही है. इन इकाइयों में हजारों में कर्मचारी काम करते होते हैं. इसके साथ ही हेवल्स आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी बन चुकी है.

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