14 साल पहले शुरू किया खुदका बिजनेस; आज सालाना करते है 50 करोड़ रुपये का बिजनेस

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अब वह समय चला गया है जब हमें अखबारों के दफ्तरों में क्लासीफाइड बुकिंग के लिए जाना पड़ता था. इसमें हमारा समय और पैसा भी लगा. लेकिन ऑनलाइन फ्री क्लासीफाइड साइट्स ओएलएक्स और क्विकर.कॉम के आने से आप घर बैठे किसी भी पुराने सामान बचने, जॉब या फिर सर्विस का क्लासिफाइड ऐड घर पर बैठे हुए फ्री में दे सकते है.

इसके लिए आपको कोई पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है आज हम सबसे लोकप्रिय स्थानीय क्लासीफाइड साइट क्विकर की सफलता के बारे में बात करने वाले है.

क्विकर.कॉम को 2008 में मुंबई में लॉन्च किया गया था और आज यह कंपनी देश के 1000 से ज्यादा शहरों में पहुंच चुकी है. यह सेवा आपको अपने इस्तेमाल किए गए सामान को स्थानीय स्तर पर बेचने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करती है.

इस साइट पर आप किसी भी वस्तु जैसे मोबाइल, टीवी, स्कूटर, घर आदि को 13 श्रेणियों और 170 उपश्रेणी में बेचने के विज्ञापन दे सकते हैं.

क्विकर के संस्थापक प्रणय चुलेट हैं, जो आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएट हैं और आईआईएम कोलकाता से एमबीए कर चुके हैं. राजस्थान में प्रणय का जन्म हुआ था प्रणय बचपन से ही एंटरप्रेन्योर बनना चाहते थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें प्रॉक्टर एंड गैंबल कंपनी में नौकरी मिल गई. लेकिन जल्द ही यह नौकरी भी छोड़ दी.

इसके बाद वह एंगेजमेंट मैनेजर के तौर पर मिशेल मैडिसन ग्रुप में शामिल हो गए. इसके बाद उन्होंने रेफरेंस चेक नाम का वेंचर शुरू करने के बारे में सोचा, जो रेफरेंस चेक सर्विस प्रोवाइडर और कस्टमर को जोड़ने का प्लेटफॉर्म है.

प्रणय 2007 में अमेरिका में एक गेमिंग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे जिसके लिए उन्हें कुछ लोगों की टीम की जरूरत थी इसके लिए उन्होंने अमेरिकी ऑनलाइन साइट क्रेगलिस्ट की मदद ली. उन्होंने सोचा कि क्रेगलिस्ट जैसी साइट ने उनकी कितनी मदद करी है. क्यों न भारत के लिए भी ऐसी साइट बनाई जाए.

वह भारतीय लोगों के लिए ऐसी साइट बनाना चाहते थे. जहां लोग ऑनलाइन देखकर ऑफलाइन सामान खरीद सकते हैं इसलिए उन्होंने क्लासीफाइड टाइप की वेबसाइट बनाई. कुछ ही समय में उनकी साइट बहुत लोकप्रिय हो गई. और आज लाखों लोग प्रतिदिन इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं.

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