आज हम बात करने जा रहे हैं कैनवा की को-फाउंडर और सीईओ मेलानी पर्किन्स की, जो अपने दम पर अरबपति बनी है. आपको बता दे कैनवा ग्राफिक डिजाइन करने के लिएऑनलाइन प्लेटफॉर्म है. इस प्लेटफॉर्म पर आप अपनी पसंद का कोई भी डिजाइन बना सकते हैं.
मेलानी पर्किन्स ने अपने जीवन में 100 से अधिक अस्वीकृतियों का सामना किया और व्यापार की दुनिया में, जहां वह आज हैं, वहां कुछ ही लोग पहुंच पाते हैं. उनकी कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरित कर सकती है जो कुछ बड़ा करना चाहता है.
इस तरह आया था आइडिया
साल 2007 में, मेलिना एक विश्वविद्यालय में पार्ट टाइम टीचिंग कर रही थी. तभी उन्हें बच्चों को डेस्कटॉप डिजाइन सॉफ्टवेयर सिखाना था. उन्होंने तब महसूस करा कि सॉफ्टवेयर बहुत जटिल है और इसे सीखना और सिखाना आसान बिलकुल भी नहीं है. इसके साथ ही तब वह सॉफ्टवेयर भी बहुत महंगा था. यहीं से ही मेलिना को कैनवा बनाने का आइडिया आया. उन्होंने महसूस किया कि कोई ऐसा उपकरण होना चाहिए जिसमें कोई भी व्यक्ति आसानी से डिजाइन कर सके.
इस तरह शुरू हुई थी कंपनी
इसके बाद मेलिना ने एक बिजनेस पार्टनर के साथ फ्यूज़न बुक्स नाम की कंपनी की शुरुआत करी. यह भी एक डिजाइन कंपनी ही थी. उस समय मेलिना के बिजनेस पार्टनर क्लिफ ऑबरेक थे. फिर यह दोनों क्लिफ ऑबरेक और मेलिना बाद में लाइफ पार्टनर बन गए.
ऑबरेक और मेलिना ने शादी कर ली. साल 2012 में, एक अन्य व्यक्ति, कैमरन एडम्स, उनके साथ जुड़ गए और तीनों ने मिलकर कैनवा की शुरुआत करी. अन्य प्लेटफार्मों की तुलना में कैनवा बहुत आसान था.
100 बार करा गया था रिजेक्ट
प्रत्येक व्यवसाय की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसे कब और कितना धन प्राप्त होता है. यदि किसी के विचार को 100 से अधिक बार अस्वीकार किया जाता है, तो फिर हर व्यक्ति को अपने विचार पर संदेह होने लगता है.
मगर मेलिना के साथ ऐसा बिलकुल भी नहीं हुआ था. मेलिना को खुद पर और अपने विचार पर अच्छी तरह से भरोसा था. मेलिना को अपनी पहली फंडिंग प्राप्त करने में तीन साल लग गए थे. मेलिना पर्किन्स खुद कहती हैं कि वास्तव में उनके गलत अप्रोच के कारण धन प्राप्त करने में उन्हें समस्या हुई.
फिर कहानी के जरिए समझाया निवेशकों को
मेलिना पर्किन्स और उनके सहयोगियों ने धीरे-धीरे महसूस करा कि निवेशकों को तकनीकी समाधान जानने की जरूरत नहीं है. वे कुछ और जानना चाहते हैं. फिर मेलिना पर्किन्स ने अपना रुख बदल दिया. उन्होंने संभावित निवेशकों को कहानी सुनाना शुरू कर दिया. मेलिना निवेशकों को बताती थीं कि किस तरह उनके छात्र परेशान हो जाते थे.
वे कहते थे कि सॉफ्टवेयर के बटन कहां हैं, यह जानने में ही पूरा सेमेस्टर लग जाता है. इसी समस्या के समाधान के लिए कैनवा को बनाया गया है और बहुत से लोग लगातार इस कंपनी से जुड़ रहे हैं और फिर कंपनी तेजी से बढ़ने लगी, संभावित निवेशक, निवेशकों में तब्दील होने लगे.
कंपनी की वैल्यू हो चुकी है 40 बिलियन डॉलर
हाल ही में कैनवा को $200 मिलियन का निवेश मिला है. इस निवेश के बाद, यह कंपनी किसी भी महिला द्वारा चलाए जा रहे दुनिया के सभी स्टार्ट-अप में से पहला स्टार्टअप बन चुकी है. इस समय कंपनी की वैल्यू 40 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है.