यह दो दोस्तों दोस्तों की सफलता की कहानी है, जिन्होंने एक साथ लोगों को नौकरी देने का सपना देखा था. इसके लिए दोनों ने एक साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी करी, फिर एक विदेशी कंपनी में लाखों के पैकेज वाली नौकरी भी करी.
फिर लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर एक लाख रुपए में छोटा-मोटा कारोबार शुरू कर दिया. बहुत गहरी दोस्ती, भरोसे का रिश्ता और आपसी समझ के चलते आज दोनों कंपनियों के ग्रुप का मार्केट वैल्यूएशन 400 करोड़ रुपए के करीब पहुंच चूका है. आइए जानते हैं दोनों की सफलता की कहानी.
आरएनएफ टेक्नोलॉजीज के संस्थापक राग़िब खान और फैसल अबीदी है. आईटी रिक्रूटर्स, सॉफ्टवेयर, ऐप डेवलपमेंट और इवेंट्स मुहैया कराने वाली इस कंपनी की शुरुआत साल 2009 में दोनों ने मिलकर करी थी. कभी दो कर्मचारियों द्वारा संचालित यह कंपनी आज 417 लोगों को सीधी नौकरी दे चुकी है.
फैसल का कहना है कि इंजीनियरिंग के दौरान हम दोनों दोस्त आपस में बातें करते रहते थे. वे हमेशा कहा करते थे कि हमें नौकरी सीकर के बजाय नौकरी देने वाला बनना चाहिए. उस दौरान कई विचारों पर भी बात करी जाती थी, मगर साल 2006-2007 का वो दौर था जब बहुत कम लोगों ने एंटरप्रेन्योर बनने के बारे में सोचा हुआ था. हमा दोनों का परिवार भी मध्यम वर्ग से था. हम दोनों की व्यावसायिक पृष्ठभूमि नहीं थी.
इंजीनियरिंग करने के बाद दोनों को अच्छे ऑफर्स मिले और हम लाखों के पैकेज पर जॉब ज्वाइन कर ली. फैसल गूगल में नौकरी करने लगे और रागिब अमेरिका ऑनलाइन कंपनी में. रागीब ने बताया कि ढाई साल काम करने के बाद जब हम मिले तो कॉलेज की योजनाओं को आगे बढ़ाने की बात करने लगे. फिर हमने अपने सपनो को पूरा करने की ठानी.
फिर नवंबर 2009 में दोनों ने पहली कंपनी को बैंगलोर में निगमित करवाया. फैसल बताते हैं कि यह एक ई-कॉमर्स कंपनी थी. जिसकी शुरुआत हमने एक लाख रुपये के निवेश से की थी.
आज हमारी कंपनी की सिस्टर कंपनियां गेमिंग, आईटी सर्विस, कॉन्फ्रेंस इवेंट्स पर काम करती होती हैं. हम ई-कॉमर्स से आईटी प्लेटफॉर्म की कंपनी बन गए थे, हम वही काम भारत में अमेरिका के क्लाइंट्स के साथ छोटे स्तर पर कर रहे थे. जो इंफोसिस या कोई अन्य आईटी कंपनी कर रही है. फिर साल 2013 में हमने ऐसे गेम बनाना शुरू किया जो अमेरिका में बहुत पसंद करे जाने लगे.