ब्यूटी और वेलनेस के क्षेत्र में माहिर वंदना लूथरा को आखिर कौन नहीं जानता है. वंदना लूथरा ने ऐसे ही इतना बड़ा नाम नही बनाया हैं, इसके लिए वंदना ने काफी मेहनत भी करी है. आइए जानते हैं वंदना लूथरा की सफलता की कहानी.
इस तरह हुई थी शुरुआत
वीएलसीसी की शुरुआत 1989 में दिल्ली में उनकी बचत की एक छोटी राशि से हुई थी. उस समय वीएलसीसी भारत का पहला ‘परिवर्तन केंद्र’ था. उन दिनों देश का वेलनेस मार्केट अपनी पहचान बना रहा था और फिटनेस और ब्यूटी को मिलाकर संपूर्ण वेलनेस एक नए तरह का फील्ड था.
पहले खुद करी थी पढ़ाई
वंदना लूथरा ने फिटनेस और ट्रांसफोर्मेशन के बिजनेस में उतरने से पहले इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करके व्यवसाय की बारीकियों को समझने की कोशिश करी. उन्होंने स्नातक के बाद जर्मनी में पोषण और कॉस्मेटोलॉजी में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करी थी. इसके बाद लंदन, म्यूनिख और पेरिस में फूड एंड न्यूट्रिशन, ब्यूटी केयर, फिटनेस, और स्किन केयर में कई विशेष पाठ्यक्रम और मॉड्यूल करे.
दो हजार रुपये से करी थी शुरुआत
वंदना की जेब में दो हजार रुपये थे और सपने बड़े थे. बैंक से कर्ज लेकर वंदना ने वीएलसीसी नाम की एक ऐसी फील्ड में कदम रखा, जिसका उन्हें बिल्कुल भी अनुभव नहीं था.
शुरुआत में थी बहुत सी चुनौतियों
वंदना लूथरा के सामने शुरुआती चुनौती अपनी पहचान बनाने और लोगों का विश्वास जीतने की थी. लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई और दिल्ली के सफदरजंग इलाके में खुला वंदना लूथरा का पहला सैलून लोगों को खूब पसंद आया. उसके बाद, हालांकि, उन्हें अपने उद्यम के लिए धन जुटाने में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा.
39 देशों के स्टाफ वीएलसीसी में
ओमान, बहरीन, कतर, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, कुवैत, सऊदी अरब और कीनिया में वीएलसीसी अपना काम-काज कर रही है. वीएलसीसी दुनिया भर के 39 देशों के 6,000 से भी ज्यादा लोगों को रोजगार दे रही है. इनमें मनोवैज्ञानिक, कॉस्मेटोलॉजिस्ट, डॉक्टर, पोषण विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट, ब्यूटीशियन, आदि शामिल हैं.
कारोबार में लगातार हुई वृद्धि
वीएलसीसी ने अपने 32 वर्षों के कारोबार में लगातार वृद्धि करी है और न केवल एशिया में सबसे बड़ी वेलनेस कंपनियों में से एक बन गई है बल्कि वंदना लूथरा की इस कंपनी ने भारत में वेलनेस सेक्टर के विस्तार में भी सराहनीय योगदान दिया है. वंदना लूथरा के निरंतर प्रयासों से 18 देशों के 125 शहरों में 350 से अधिक स्थानों पर वीएलसीसी केंद्र मौजूद हैं.