बिजी शेड्यूल और समय की कमी के चलते हम एक्सरसाइज से लेकर खाने तक बहुत सी महत्वपूर्ण और अच्छी आदतें भूल चुके हैं. ऐसे में अगर चलते-फिरते पौष्टिक, सात्विक भोजन मिल जाए तो फिर तन और मन दोनों को फायदा होता है. इसी जरूरत को व्यापार में बदलकर अंकुश शर्मा और प्रसून गुप्ता की जोड़ी सात्विको नाम से अपना स्टार्टअप चला रही है.
साल 2013 में शुरू हुआ, यह व्यवसाय एक क्यूएसआर श्रृंखला के रूप में सात्विक तड़का से आधुनिक भोजन के साथ शुरू हुआ था. मगर फिर इस कंपनी ने साल 2016 में अपना रास्ता बदल लिया और आज इस स्टार्टअप ने एक स्वस्थ पैकेज्ड फूड कंपनी का रूप ले लिया है.
ऐसी करी थी कंपनी की शुरुआत
सात्विको के उत्पाद आधारित कारोबार की शुरुआत 20 लाख के निवेश से हुई थी. इसे कम से कम रखने के लिए, कंपनी ने शुरू में आउटसोर्सिंग मैन्युफैक्चरिंग द्वारा गुणवत्ता जांच और आरएनडी पर ध्यान केंद्रित करा था मगर वेंडर बेस्ड प्रोडक्शन करना भी आसान नहीं रहा है. यह भी कंपनियों की बड़ी चुनौती बन गई थी.
15 करोड़ से भी ज्यादा की हुई आमदनी
सात्विको ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए प्री सीरिज ए फंडिंग में भी $1 मिलियन जुटाए हैं. करीब 1.5 साल के अपने सफर में कंपनी ने 18 करोड़ रुपये कमाए हैं. और इसे अगले साल तक 30 करोड़ तक ले जाने का भी लक्ष्य है.
सफल हुआ बिजनेस आइडिया
सात्विको सात्विक तरीके से खाखरा, मखाना, गुना-चना और अलसी जैसे स्वस्थ स्नैक्स तैयार करती होती है. शरीर के लिए इस भोजन को स्वादिष्ट बनाने के बाद इन्हें पैकेज्ड स्नैक्स के रूप में बाजार में उतारा जाता है. सात्विको की खासियत यह है कि यह उत्पादों को छोटे आकार में पैक करती है. जिससे अपने साथ खाना ले जाने और खाने में आसानी होती है. कंपनी ने फिलहाल 7 तरह के उत्पाद बाजार में उतारे हैं और इस रेंज को अपनी ताकत मानती है.
इस तरह कंपनी बेचती है अपने प्रोडक्ट्स
सात्विको के लिए डिस्ट्रिब्यूटर और रिटेलर्स के साथ नेटवर्किंग व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि इन चैनलों के माध्यम से बिक्री का एक बड़ा हिस्सा आता होता है. इसके साथ ही उत्पादों को कैफेटेरिया, होटल और वेंडिंग मशीनों में भी डिस्प्ले करा जाता है. फिलहाल सात्विको ताज होटल्स और स्पाइसजेट के साथ मिलकर अपने उत्पाद भी बेचती है. इसके साथ ही यह कंपनी अपनी वेबसाइट और अमेज़न की सहायता से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने प्रोडक्ट्स ग्राहकों तक पहुंचा रही है.