25 लाख रुपये की नौकरी छोड़कर अपनी पसंद का किया काम, अब बन चूका है 15 करोड़ का मालिक

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नमस्कार दोस्तों, इस लेख में हम आपको प्रतीक गांधी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. आपको बता दें कि प्रतीक गांधी भारतीय थिएटर और फिल्म अभिनेता हैं जो अधिकतर गुजराती फ़िल्मों और थिएटर में काम करते हैं. हाल ही में सोनी लिव पर आई सीरिज Scam 1992 में प्रतीक ने हर्षद मेहता का किरदार अदा किया हैं. जो काफ़ी पसंद किया जा रहा हैं.

एक खास इंटरव्यू से बातचीत में प्रतीक ने बताया कि 14 साल तक उन्होंने बच्चों की बर्थडे और किटी जैसी पार्टियां होस्ट की. उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई अन्य बातें भी साझा की. पेश हैं उनसे हुई बातचीत के अंश

जॉब भी किया और पार्टियां भी होस्ट की
इंजीनियर से लेकर एक्टर तक का सफर प्रतीक के लिए आसान नहीं था. अपने बीते हुए दिनों को याद करते हुए वे कहते है, “2004 में मैं सूरत से मुंबई आया था. हाथ में इंजीनियरिंग की डिग्री थी और थिएटर का थोड़ा-बहुत अनुभव. 2004 से लेकर 2016 तक मैंने इन दोनों क्षेत्रों में काम किया. एक तरफ किसी कॉर्पोरेट ऑफिस में फुल टाइम काम करता था तो वहीं दूसरी तरफ होस्टिंग भी करता. फिर चाहे बच्चों की बर्थडे पार्टी हो या कॉर्पोरेट शो या किटी पार्टी. रेडियो नाटक का भी हिस्सा रहा हूं. ये सब मैंने तकरीबन 14 साल तक किया.”

दूसरी फिल्म को मिला था नेशनल अवॉर्ड
बकौल प्रतीक, “2016 में जब मेरी दूसरी फिल्म ‘रॉन्ग साइड राजू’ रिलीज होने वाली थी, तब एक महीने पहले मैंने जॉब छोड़ दी. फिल्म को नेशनल अवार्ड मिला. फिर कई गुजराती और हिंदी मूवीज ऑफर हुईं. 2018 में ‘स्कैम 1992’ की शूटिंग की, 2020 में ये सीरीज रिलीज हुई और उसके बाद पूरी जिंदगी बदल गई. अब लोग मुझे अलग नजरिए देखते हैं.”

प्रतीक आगे बताते है, “अब लोग मुझे बतौर एक्टर सीरियस लेने लगे हैं. मैं ये समझ गया हूं कि आपको अपनी सक्सेस स्टोरी खुद बनानी पड़ती है. ताकि किसी और को भी आपमें इंटरेस्ट आए. अब लोग अच्छे प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं. मैं एक मौका ढूंढ रहा था, जहां लोगों तक अपना टैलेंट पहुंचा सकूं. ‘स्कैम’ के बाद मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ा और फिल्ममेकर्स का भी. अब मुझे सेंट्रल रोल ऑफर हो रहे हैं. अब विन-विन सिचुएशन है.”

‘विट्ठल तीड़ी’ और ‘स्कैम 1992’ की तुलना क्यों?

‘विट्ठल तीड़ी’ की तुलना कहीं-न-कहीं प्रतीक की हिट सीरीज ‘स्कैम 1992’ से की जा रही है. इस पर अभिनेता कहते है, “तुलना की कुछ वजह हो सकती हैं. सबसे पहले ये 80 के दशक की कहानी है. वही रेट्रो लुक, रेट्रो फील है. हालांकि, मैंने पूरी कोशिश की है कि विट्ठल के किरदार से नयापन ला सकूं. ‘स्कैम 1992’ का हर्षद शेयर मार्केट में जुआ खेलता था और विट्ठल पत्तों के खेल में गैंबलिंग करता है. इसके अलावा ज्यादा तुलना नहीं. मेरे लिए ये किरदार बहुत चैलेंजिंग और इंटरेस्टिंग था.”

क्या रियल लाइफ में भी की है कभी गैंबलिंग?
क्या रियल लाइफ में भी प्रतीक ने कभी गैंबलिंग की? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मेरे लिए गैंबलिंग का मतलब रिस्क लेना होता है. जहां लोग कहते थे कि अब तुम्हे ये नहीं करना चाहिए तो वह चीज अट्रैक्ट करती थी. चाहे थिएटर हो या फिल्म्स मैंने ऑफ-बीट सब्जेक्ट को ही चुना है. लाइफ में जब सब कुछ सेट था, तब मैंने जॉब छोड़ा, घर लिया, लोन लिया और फुल टाइम एक्टर बन गया. तो इस तरह की गैंबलिंग बहुत की है.”

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