बैंगलोर के 55 वर्षीय अरुण सैमुअल, जिन्होंने 17 साल की उम्र में 50 रुपये के मेहनताना के लिए घर-घर सेल्समैन के रूप में वाटर प्यूरीफायर बेचा था, आज वे 1,200 करोड़ रुपये के मालिक बन चुके है. पैसे की कमी और घर में गरीबी होने के कारण अरुण सैमुअल को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी. मगर अपनी कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें करोड़ों की दौलत का मालिक बना दिया. आज अरुण सैमुअल की कंपनी का टर्नओवर 1224 करोड़ रुपये है. उनकी कंपनी में आज के समय में करीब 8 हजार 500 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं.
विंग्स ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक है यह शख्स
विंग्स ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन और एमडी अरुण सैमुअल हैं. कंपनी पूरे देश में शीर्ष ब्रांडों के लिए एंड-टू-एंड मार्केटिंग, ब्रांडिंग और प्रचार करती है. अरुण सैमुअल ने इस कंपनी की शुरुआत 28 साल पहले साल 1994 में बैंगलोर में खुद के अलावा सिर्फ तीन लोगों के साथ करी थी. आज इस कंपनी के भारत के हर राज्य और अन्य देशों में आठ कार्यालय हैं. यह कंपनी आज भारत में 67 प्रतिशत आईटी कंपनियों के लिए काम कर रही है.
घर-घर जाकर बेचने पड़ते थे वाटर प्यूरीफायर
अरुण सैमुअल कहते हैं, “साल 1984 में एक दिन, मैंने शहर में एक कंपनी के लिए घर-घर जाकर मार्केटिंग की नौकरी के बारे में पढ़ा. मैंने उस कंपनी में जाकर इंटरव्यू दिया और मुझे उस कंपनी में नौकरी मिल गई. मुझे जीरो-बी वाटर प्यूरीफायर बेचने के लिए घर-घर जाना पड़ा, जिसकी कीमत उस समय 170 रुपये थी. मुझे अपने वेतन के रूप में प्रति दिन 50 रुपये मिलते होते थे. जब मुझे कॉलेज में पढ़ना चाहिए था तब मैं लोगों के घर जाकर चीजें बेचता था.
साल 1985 में अरुण ने शुरू करी अपनी कंपनी
अरुण को अपनी महेनत के दम पर जल्द ही कंपनी में प्रमोशन मिल गया. फिर बाद में उन्होंने साल 1985 में अपने एक सहयोगी के साथ AERO प्रमोशन नाम से एक सेल्स एंड प्रमोशन कंपनी की शुरुआत करी. उनके पहले ग्राहक टीजीएल क्विक फूड्स थे, जो भारतीय इंस्टेंट व्यंजन बेचा करते थे.
अरुण सैमुअल कहते हैं, “हम टाटा टी और टॉमको (टाटा ऑयल मिल्स कंपनी) को भी बोर्ड में लाने में पूरी तरह से कामयाब रहे थे. टॉमको के लिए हमने भी जो उत्पाद संभाला वह था रेवेल वॉशिंग मशीन डिटर्जेंट. फिर बाद में, हमने हिंदुस्तान यूनिलीवर, मैरिको और आईएफबी बॉश जैसे अन्य प्रसिद्ध ब्रांडों को भी अपना ग्राहक बनाया.”
तेजी से बढ़ रही है कंपनी
अरुण कहते हैं, “आज हमारे पास पूरे भारत में लगभग 344 से भी ज्यादा ग्राहक हैं और हम भारत में 67% आईटी कंपनियों के लिए काम करते होते हैं. पिछले पांच साल में कंपनी की ग्रोथ 50 करोड़ से 150 करोड़, 150 करोड़ से 584 करोड़, 584 करोड़ से 769 करोड़, 769 करोड़ से 824 करोड़ और वित्तीय वर्ष में 824 करोड़ से 1224 करोड़ रही है.”